Friday, December 3, 2021

'बॉब बिस्वास' के लिए अभिषेक ने बढ़ाया था 105 Kg वजन, बोले- कोलकाता का खूब स्ट्रीट फूड खाया

को इंडस्ट्री में पूरे बीस साल हो गए हैं। इन दो दशकों में उन्होंने कई विविधतापूर्ण भूमिकाएं की हैं। कोरोना काल में जहां वे और उनका परिवार संक्रमित रहा, वहीं 'द बिग बुल' और 'ब्रीद 2' में उनके काम को सराहा गया। इन दिनों वे चर्चा में हैं, अपनी नई फिल्म '' को लेकर। इस मुलाकात में वह अपनी फिल्म, महानायक अमिताभ बच्चन, बेटी आराध्या, कोरोना काल, थिएटर आदि मुद्दों पर बात करते हैं। हाल ही में आपने इंडस्ट्री में बीस साल पूरे किए हैं। आज पलट कर देखने पर कैसा महसूस कर रहे हैं?आप तो मुझे शुरुआत से जानती हैं। मैं पीछे मुड़कर देखने में यकीन नहीं करता। आगे की सोचता हूं। मुझे लगता है कि आगे का सफर अच्छे से तय हो जाए, तो ये काफी है। पीछे मुड़कर देखते रहेंगे न, तो अतीत में ही रह जाएंगे। आगे देखो, आगे बढ़ो। सदी के महानायक कहलाने वाले आपके पिता अमिताभ बच्चन ने जब आपकी फिल्म 'बॉब बिस्वास' देख कर आपके काम की तारीफ में एक पोस्ट लिखी, तो कैसा लगा?मैंने हमेशा कहा है कि मैं सिर्फ उनका बेटा ही नहीं हूं, उनका सबसे बड़ा फैन भी हूं। आपका हीरो जब आपका काम देखे और केवल काम देखे, तो वो आपके लिए सबसे बड़ी बात होती है। ये अद्भुत बात है कि काम देख कर उसकी प्रसंशा भी करे। किसी भी व्यक्ति को इससे ज्यादा और क्या चाहिए? मैंने हमेशा कहा है कि मैं अपने परिवार के लिए काम करता हूं। डैड ने जो लिखा, वो काफी अभिभूत करने वाला था। मैं धन्यवाद के अलावा और क्या कह सकता हूं? लेकिन बहुत अच्छा लग रहा है कि ट्रेलर उन्हें पसंद आया, मगर प्रेशर भी बढ़ा गया है कि ट्रेलर के बाद उन्हें फिल्म भी पसंद आए। सोशल मीडिया पर मेरे किरदार पर लोग काफी प्यार बरसा रहे हैं, मगर यह तो अभी ट्रेलर है। पिक्चर बाकी है। जी फाइव पर तीन तारीख को आप इसे देख पाएंगे। उसके बाद पता चलेगा कि फिल्म को लेकर उनकी क्या राय है? 'बॉब बिस्वास' जैसे किलर के किरदार की रूह में जाने के लिए आपकी क्या तैयारियां थीं?दीया (फिल्म की निर्देशक दीया अन्नपूर्णा घोष) यही चाहती थीं कि बॉब एक किलर नहीं बल्कि आम आदमी लगे। अगर वह ट्रेन में आपकी बगल में बैठा, है तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि ये एक कॉन्ट्रैक्ट किलर है। बॉब बिस्वास की खासियत यह है कि यह बेहद ही साधारण किस्म का इंसान है। यह बहुत प्यारा और मोम किस्म का आदमी है, मगर इसे जो काम करना पड़ता है, वह इसके स्वभाव से विपरीत है। इस चरित्र के विरोधाभास मुझे बहुत पसंद आए। किरदार के लिए आपने काफी वजन बढ़ाया?मैंने इस चरित्र के लिए 102 किलो से 105 किलो के बीच वजन बढ़ाया। असल में हमने यह तय किया था कि बॉब कैसे दिखेगा? हालांकि हम प्रॉस्थेटिक मेकअप यूज कर सकते थे, मगर मुझे हमेशा से लगता है कि हम जब मेकअप इस्तेमाल करते हैं, तो वो मेकअप की तरह ही लगता है। मगर आप जब वजन बढ़ाते हैं, तो उसका असर आपके बॉडी लैंग्वेज पर भी पड़ता है और फिर परफॉर्मेंस अलग ही नजर आती है। अगर अपने प्रोमो और ट्रेलर देखा होगा, तो पाया होगा कि उसके गोल-मटोल गाल और निकली हुई तोंद के कारण सब कुछ बदल गया है। मैं चाहता था कि यह किरदार विश्वसनीय लगे और इसके लिए मैंने वजन बढ़ाया और वजन बढ़ाने के लिए काफी कुछ खाया। सुजॉय (निर्देशक सुजॉय घोष) के साथ ठंड में कोलकाता का गुड़-सोन्देश, वहां का स्ट्रीट फूड खूब खाया। आपने बताया की 'बॉब बिस्वास' का किरदार मुलायम है, मगर साथ ही कॉन्ट्रैक्ट किलर होना उसका ग्रे साइड है। आपका ग्रे पहलू क्या है?पता नहीं, मैंने कभी इस बारे में सोचा नहीं। मैं बेसब्र तो जरूर हूं। मुझे हारना पसंद नहीं है। खेल हो या कुछ और मुझे हारना अच्छा नहीं लगता। ओटीटी सिनेमा का नया सलीका बनकर उभरा है। मगर क्या आपको दिल में कहीं ऐसी कसक है कि आपकी फिल्म ओटीटी के बजाय थिएटर में रिलीज होती?जब तक हमारे दर्शक फिल्म देख पाएं, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं कि वो ओटीटी पर आए या थिएटर पर। मैं जीफाइव का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें मौका दिया कि हम अपनी फिल्म को उनके प्लैटफॉर्म पर प्रीमियम कर रहे हैं। 'बॉब बिस्वास' एक ऐसी फिल्म है, उसका विषय ऐसा है, जो थिएटर और ओटीटी दोनों पर देखी जा सकती है। मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की हो रही है कि अंततः लोग इस फिल्म को देख पाएंगे। थिएटर खुल चुके हैं। आप सिनेमा हॉल जाकर फिल्म देख पाए हैं क्या? अभी तक नहीं जा पाया हूं। मैं अपने दोस्त रोहित शेट्टी की फिल्म (सूर्यवंशी) देखने जाना चाहता हूं। अभी तक मुझे मौका मिला नहीं है। मैं अपने काम और प्रमोशन में मसरूफ था। दिल्ली में मेरी शूटिंग भी चल रही थी और हाल ही में मैं दिल्ली की शूटिंग का शेड्यूल पूरा करके लौटा हूं। हाल ही में रिलीज हुई 'अंतिम' और 'सत्यमेव जयते 2' भाईचारे के साथ रिलीज हुई?ये तो बहुत अच्छी बात है, क्योंकि हम सभी एक ही परिवार के हैं। आखिर को हमारा फिल्मी परिवार तो एक ही है। हम फिल्म फ्रेटर्निटी का हिस्सा हैं। सब एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, एक-दूसरे को सपोर्ट करें। यही होना चाहिए। मैं तो यही कामना करता हूं कि आने वाले समय में सभी की फिल्में सफल हों। कोरोना काल आपके लिए मिलाजुला रहा। एक ओर 'द बिग बुल' और 'ब्रीद' में आपका सराहनीय काम सामने आया, तो दूसरी तरफ आप और आपका पूरा परिवार कोरोना संक्रमित रहा?मैं बहुत खुश हूं कि मेरा परिवार स्वस्थ है, खुश है और मुस्कुरा रहा है। महामारी में हमने यही सीखा कि कोरोना काल में अगर आपका परिवार स्वस्थ होकर आपके साथ मुस्कुरा रहा है, तो इससे बड़ी बात कोई और हो नहीं सकती। हालांकि पिछले साल ऐश्वर्या, आराध्या, डैड और मुझे कोरोना हो गया था, मगर जितने लोगों ने हमारे लिए प्रार्थनाएं की हैं, उसका बहुत धन्यवाद। अच्छी बात ये रही कि हम जल्द से जल्द ठीक होकर काम पर लौटे, आप लोगों का मनोरंजन कर पाए और ये आप लोगों की दुआओं के कारण ही संभव हो पाया। आपकी बेटी आराध्या अब दस साल की हो गई हैं, तो पिता के रूप में अब आपकी चुनौतियां कितनी बदली हैं?देखिए, मैं पैंतालीस साल का हो गया हूं। आज तक मेरे माता और पिता मुझे बच्चे की तरह ही देखते हैं। आप कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, पैरंट्स के लिए आप बच्चे ही होते हैं। आराध्या हमारी बेटी हैं। मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं और चाहता हूं कि वो हमेशा खुश रहे, मेरी बेटी ही बनी रहे। वो हमारे लिए हमेशा बच्ची ही रहेंगी। आप खुद एक मां हैं और जानती हैं कि बच्चे कितने ही बड़े क्यों न हो जाएं, आप हमेशा उन्हें प्रोटेक्ट करना चाहेंगे, उन्हें खुश देखना चाहेंगे।


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