'उस पूरी रात कोई सोया नहीं था। पूरे देश के लिए वह एक ऐसी खुशी थी, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।' फिल्म 83 के क्लाइमैक्स सीन के बाद जब उस टीम के कप्तान कपिल देव सिनेमा के पर्दे पर आकर अपनी आज से 38 साल पहले मिली खुशी साझा करते हैं, तो इससे ही फिल्म के डायरेक्टर कबीर खान की चुनौती का अंदाजा हो जाता है। उन्हें बड़े पर्दे पर एक ऐसी जीत की कहानी को सुनाना था, जिसके बारे में जानते तो सब हैं, लेकिन उसे महसूस उन चुनिंदा लोगों ने किया होगा, जो अब जिंदगी की पारी की हाफ सेंचुरी लगा चुके होंगे। बेशक क्रिकेट को धर्म मानने वाले भारत जैसे देश में नई पीढ़ी को इस बात का एहसास कराना आसान नहीं था कि जब भारत की क्रिकेट की दुनिया में तीसरे दर्जे की मानी जानी वाली टीम ने यह करिश्मा किया था, तब आज क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर बच्चा था और मौजूदा पीढ़ी का क्रिकेट सुपरस्टार विराट कोहली तो तब पैदा भी नहीं हुआ था। क्रिकेट की दुनिया की सबसे खूंखार टीम वेस्टइंडीज को वर्ल्डकप में हरा कर भारत ने उस दौर में क्या हासिल किया था, यह फिल्म उस हासिल का आपको भीतर तक से एहसास कराती है। उस दौरान क्रिकेट के मैदान में क्या हुआ था, यह तो हम सबने फिर भी सुना होगा, लेकिन उस जीत ने कैसे आने वाली पीढ़ियों को इस खेल का दीवाना बना दिया। यह इस फिल्म में कबीर खान बखूबी दिखाते हैं। फिल्म के दौरान कई बार तो आपको एहसास ही नहीं होता कि आप उस जीत के 38 साल बाद सिनेमाघर में उस अविस्मरणीय कहानी को देख रहे हैं, जिसे एक ऐसी टीम ने जीवंत किया था, जिसे क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में एंट्री की अनुमति भी नहीं थी और जिसकी भारत वापसी की टिकटें सेमीफाइनल से पहले की बुक थीं। अगर इसे पूरी तरह कपिल देव का रोल करने वाले रणवीर सिंह की फिल्म कहा जाए, तो ऐसा कहना कुछ गलत नहीं होगा। अपने रोल्स को डूब कर करने वाले रणवीर सिंह ने अपने फिल्मी कैरियर का एक और शानदार रोल इस फिल्म में किया है। छोटे मगर शानदार रोल में दीपिका पादुकोण जानदार लगी हैं, तो टीम मैनेजर के रोल में पंकज त्रिपाठी और साकिब सलीम सहित दूसरे सभी टीम मेंबर्स ने जोरदार ऐक्टिंग की है। भारत की अविश्वसनीय जीत की कहानी को खूबसूरत प्रतीकों के माध्यम से कहने वाले कबीर को अपनी फिल्म पर इतना भरोसा है कि उन्होंने इसे सिनेमाघरों में रिलीज करने के लिए ना सिर्फ डेढ़ साल बाट जोही, बल्कि अब रिलीज से पांच दिन पहले ही इसे फिल्म क्रिटिक्स को दिखा दिया। भले ही आप क्रिकेट से सरोकार रखते हों या ना रखते हों, लेकिन सपनों को सच होते देखने की इस दास्तान को सिनेमा पर देखना मिस न करें।
from Bollywood News in Hindi, बॉलीवुड न्यूज़, Hindi Movies News, हिंदी मूवीज़ समाचार, फिल्मी खबरें | Navbharat Times https://ift.tt/3Fiw5vx
via IFTTT
No comments:
Post a Comment