बॉलिवुड स्टार के बेटे से जुड़े ड्रग्स केस में सुनवाई करते हुए स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट ने उस व्यक्ति को जमानत दे दी है जिस पर कथित तौर पर आर्यन और को ड्रग्स सप्लाई करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है कि कथित सप्लायर ने दोनों को क्रूज पर ड्रग्स सप्लाई किया था। एनडीपीएस कोर्ट के जज वीवी पाटिल ने कहा, 'प्रॉसिक्यूशन की दलील नहीं मानी जा सकती कि याचिकाकर्ता एक है और उसने अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स सप्लाई की थी।' नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो () ने 9 अक्टूबर को मुंबई के सांताक्रूज के रहने वाले 33 साल के शिवराज हरिजन को अरबाज मर्चेंट के उस कथित बयान के बाद गिरफ्तार किया गया था। यह भी दावा है कि उसे शिवराज के पास से 62 ग्राम चरस भी बरामद हुई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जो सबूत पेश किए गए हैं उनसे ऐसा नहीं लगता है कि कोई साजिश रची गई जैसाकि एनसीबी आरोप लगा रही है। शिवराज के वकील संदीप शेरखने ने कहा कि एनसीबी का पंचनामा झूठा और गलतबयानी पेश करने वाला है जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही शिवराज के पास से मिला ड्रग्स मात्रा में बेहद कम है। कोर्ट ने कहा कि एनसीबी को दिए गए आर्यन और अरबाज के बयानों के अलावा ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है जिससे यह साबित हो सके कि शिवराज हरिजन एक ड्रग पेडलर है। साथ ही 62 ग्राम ड्रग्स की मात्रा नॉन कमर्शल है जिसके आधार पर उन पर एनडीपीएस ऐक्ट का कठोर सेक्शन 37 लागू नहीं किया जा सकता है। यह सेक्शन तभी लागू किया जा सकता है जब किसी व्यक्ति के पास से भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद हो। कोर्ट ने कहा कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को पहले ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है इसलिए शिवराज हरिजन को भी रिहा कर दिया जाना चाहिए।
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