आपको पता है एक जमाना था जबकि एक भारतीय लड़की भारतीय वायुसेना में पायलट बनने का सपना नहीं देख सकती थीं। आज भारतीय लड़कियां वायुसेना में केवल हेलिकॉप्टर ही नहीं बल्कि फाइटर एयरक्राफ्ट भी उड़ा रही हैं। आसमान में बहादुरी से उड़ने का सपना एक भारतीय लड़की ने देखा था जिसका नाम है गुंजन सक्सेना और उसने अपनी बहादुरी से साबित किया है कि लड़कियां किसी से कम कभी नहीं हो सकती हैं। गुंजन भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलेट थीं और उन्हें करगिल के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाने के लिए भारत सरकार ने शौर्य चक्र से नवाजा था। उन्हीं की कहानी पर बनी है 'गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल'। रिव्यू: हमारा भारतीय समाज पित्रसत्तात्मक रहा है लेकिन इतिहास गवाह है कि बेटियों को पिताओं ने सबसे ज्यादा प्यार किया है। बस यहीं से शुरू होती है इस फिल्म की कहानी। बेटी यानी गुंजन हैं और उनके आर्मी ऑफिसर पिता के किरदार में हैं बेहद टैलेंटेड ऐक्टर पंकज त्रिपाठी। ट्रेलर की पहली लाइन से गुंजन की जिंदगी के संघर्ष का पता चलता है, 'अगर एयरफोर्स जॉइन करना है तो पहले फॉजी बनकर दिखाओ वरना घर जाकर बेलन चलाओ।' फिल्म में गुंजन यानी जाह्नवी कपूर के भाई के किरदार में हैं अंगद बेदी जो खुद एक आर्मी अफसर हैं और कहीं न कहीं उसी पुरुषवादी सोच से ग्रस्त हैं। ट्रेलर में के डायलॉग गजब हैं जैसे- देखो, प्लेन लड़का उड़ाए या लड़की, दोनों को पायलट ही बोलते हैं। पंकज त्रिपाठी को ट्रेलर में ही देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। जाह्नवी कपूर अपनी पिछली फिल्म के मुकाबले काफी मैच्योर लग रही हैं लेकिन यहां सरप्राइज पैकेज हैं विनीत कुमार सिंह जो एक ऐसे अधिकारी बने हैं जो महिलाओं के एयरफोर्स में आने को पसंद नहीं करते हैं। ग्रे शेड में विनीत कुमार सिंह काफी अच्छे लग रहे हैं। वैसे इस फिल्म को किसी ऐक्टर के लिए नहीं बल्कि गुंजन सक्सेना की बहादुरी और संघर्ष के लिए देखा जाना चाहिए। फिल्म का डायरेक्शन शरण शर्मा ने किया है और यह नेटफ्लिक्स पर 12 अगस्त को रिलीज होने जा रही है।
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