भाई सुशांत के लिए लिखे गए अपने इमोशनल नोट में बहन रानी ने लिखा है-
गुलशन, मेरा बच्चा आज मेरा दिन है। आज तुम्हारा दिन है। आज हमारा दिन है। आज राखी है।
उन्होंने आगे लिखा है, 'पैंतीस साल के बाद यह पहला अवसर है जब पूजा की थाल सजी है। आरती का दिया भी जल रहा है। बस वो चेहरा नहीं है जिसकी आरती उतार सकूं। वो ललाट नहीं है जिसपर टीका सजा सकूं। वो कलाई नहीं जिस पर राखी बांध सकूं।'
अपना दर्द बयां करते हुए इस पोस्ट में उन्होंने फिर लिखा है, 'वो मुंह नहीं जिसे मीठा कर सकूं। वो माथा नहीं जिसे चूम सकूं। वो भाई नहीं जिसे गले लगा सकूं।'
उन्होंने लिखा है, 'वर्षों पहले जब तुम जब आए थे तो जीवन जगमग हो उठा था। जब थे तो उजाला ही उजाला था। अब जब तुम नहीं हो तो मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूं?'
बहन ने लिखा है, 'तुम्हारे बगैर मुझे जीना नहीं आता। कभी सोचा नहीं कि ऐसा भी होगा। ये दिन होगा पर तुम नहीं होगे। ढेर सारी चीजें हमने साथ-साथ सीखी। तुम्हारे बिना रहना मैं अकेले कैसे सीखूं? तुम्हीं कहो।हमेशा तुम्हारी - रानी दी'
इस इमोशनल नोट को पढ़कर किसी का भी गला रुंध जाए तो समझ सकते हैं कि आज इन बहनों का क्या हाल हो रहा होगा।
बहन श्वेता ने इंस्टाग्राम पर एक नोट शेयर कर प्रधानमंत्री ने न्याय की गुहार लगाई थी। श्वेता ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि प्रधानमंत्री इस मामले में जल्द से जल्द दखल दें। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर पीएम मोदी ने लोकमान्य तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर एक वीडियो शेयर किया था। पीएम के इस ट्वीट पर रिप्लाइ करते हुए श्वेता री-ट्वीट करते हुए लिखा, 'आदरणीय सर, यही समय है जबकि हम लोग लोकमान्य तिलक की 'न्याय की भावना' का पालन करें जोकि आपको प्रेरित करता है। मेरी आपसे विनती है कि कृपया इस मामले में जल्द से जल्द देखें।'
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