फिल्म इंडस्ट्री में कभी हीरो बनने का सपना लेकर आए अमरीश पुरी को भले ही शुरुआत में रिजेक्शन झेलना पड़ा हो लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह लगातार प्रयास करते रहे और एक दिन ऐसा आया कि उन्हें सफलता भी मिली और आज दशकों बाद भी उनकी फिल्मों के डायलॉग लोगों के जेहन में बसते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान अमरीश पुरी के बर्थडे के मौके पर उनके पोते ऐक्टर वर्धन पुरी ने उनकी जिंदगी से जुड़ी कई सारी बातें शेयर कीं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें जिंदगी का असली पाठ उनके दादा जी ने पढ़ाया। इंटरव्यू के दौरान वर्धन पुरी ने बताया कि अमरीश पुरी कभी भी घर पर ऑफिस की बातें नहीं करते थे। हां जब बच्चे बहुत रिक्वेस्ट करते थे, तो जरूर वह 'मोगैंबो खुश हुआ' डायलॉग बोल देते थे। लेकिन अमूमन वह काम की बातों को घर पर अवॉयड ही करते थे। वर्धन कहते हैं कि उनके लिए तो उनके दादा अमरीश पुरी हमेशा ही हीरो रहेंगे। वर्धन ने कहा कि उनके दादा ने उन्हें बताया कि लाइफ में कितना भी रिजेक्शन क्यों न मिले? लेकिन बिना हार माने आपको अपने लक्ष्य के लिए आगे बढ़ना चाहिए। शायद यही वजह रही कि उन्हें 20 साल का लंबा स्ट्रगल करना पड़ा लेकिन फाइनली वह अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए और आज भी लोगाों की जुबान और जेहन में उनका नाम है।
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