Wednesday, June 9, 2021

नैशनल अवॉर्ड विनर फिल्‍ममेकर बुद्धदेव दास गुप्‍ता का निधन, CM ममता बनर्जी ने जताया शोक

बंगाली फिल्‍मों के मशहूर डायरेक्‍टर और कवि () का निधन हो गया है। वह 77 साल के थे। बीडी गुप्‍ता के नाम से मशहूर फिल्‍ममेकर किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और डायलिसिस पर थे। उनके निधन से जहां बंगाली फिल्‍म इंडस्‍ट्री को गहरा झटका लगा है, वहीं पश्‍च‍िम बंगाल की मुख्‍यमंत्री () ने भी ट्वीट करते हुए शोक व्‍यक्‍त किया है। ममता ने बुद्धदेव दासगुप्‍ता के निधन को कभी अपूरणीय क्षति बताया है। निधन की खबर सुन ममता ने जाहिर की संवेदनाएं बुद्धदेव दासगुप्‍ता बंगाल में समांतर सिनेमा के पुरोधा थे। उनके साथ ही गौतम घोष और अपर्णा सेन ने 80 और 90 के दशक में बंगाली सिनेमा को नया आयाम दिया था। ममता बनर्जी ने फिल्‍ममेकर के निधन पर संवेदनाएं जाहिर करते हुए ट्वीट किया, 'प्रख्यात फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से सिनेमा की भाषा में गीतात्मकता का संचार किया था। उनका निधन फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार, सहकर्मियों और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।' 5 बार जीता था नैशनल अवॉर्डबुद्धदेव दासगुप्‍ता ने 5 बार अपनी फिल्‍मों के लिए नैशनल अवॉर्ड जीता। उन्‍होंने कई बेहतरीन फिल्‍में बनाईं, जिनमें 'मोंडो मेयर आपाख्‍यान', 'बाघ बहादुर', 'लाल दरजा', 'काल पुरुष' और 'चराचर' के अलावा उनकी 'ताहेदेर कोथा', 'निम अन्नपूर्णा', 'गृहयुद्ध' और 'फेरा' जैसी फिल्‍मों ने दर्शकों के दिल और दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी। कॉलेज में पढ़ाते थे, खाली समय में फिल्‍म बनाते थेबुद्धदेव दासगुप्‍ता एक मशहूर कवि भी थे। उनकी कई कविताएं भी प्रकाश‍ित हुईं, जिनमें 'सूटकेस', 'हिमजोग', 'गोविर अराले', 'कॉफिन किम्‍बा' आदि प्रमुख हैं। बीडी गुप्‍ता ने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी। वह सिटी कॉलेज में बच्‍चों को पढ़ाते भी थे और खाली समय में फिल्‍में बनाते थे। फीचर फिल्‍मों से पहले बीडी गुप्‍ता ने डॉक्‍यूमेंट्री फिल्‍मों से शुरुआत की थी। उनकी कई डॉक्‍यूमेंट्रीज को इंटरनैशनल अवॉर्ड भी मिले।


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