Tuesday, April 14, 2020

पिछले साल लगाए थे ऊंचे सुर, लेकिन फिलहाल गाने में असमर्थ हैं रूप कुमार राठौड़

अंकिता तिवारी. लॉकआउट का पूर्ण पालन करते हुए आपके चहेते बॉलीवुड सितारे अपने घरों की चारदीवारी में ही रह रहे हैं। ऐसे में हमारे रीडर्स न तो उनकी झलक देख पा रहे हैं और न ही उन्हें सुन पा रहे हैं। अपने रीडर्स की इसी इच्छा को देखते हुए दैनिक भास्कर वीडियो कॉलिंग के जरिए इन बालीवुड कलाकारों के इंटरव्यू ला रहा है सीधे उनके ही घर से। इस कड़ी में इस बार रूप कुमार राठौड़का इंटरव्यू...

रूप कुमार राठौड़ एक परिचय : मशहूर गायक रूप कुमार राठौड़ बॉलीवुड में एक उत्कृष्ट गायक और संगीत निर्देशक के रूप में प्रसिद्ध हैं। हिंदी सहित कई भाषाओं में हजार से भी ज़्यादा गाना गाने वाले रूप कुमार राठौड़ कुछ समय से गले की परेशानी के चलते गाना गाने में असमर्थ हैं। दैनिक भास्कर से हुई खास बातचीत के तहत रूप कुमार ने अपनी आप बीती साझा की।

"मेरेगले में परेशानी है काफी समय से है और इसका सिर्फ एक ही इलाज है कि गले को पूरी तरीके से रेस्ट दिया जाए। मैं तो यह कहूंगा कि गले को लॉक डाउन कर दिया जाए। यही इसका एक का ट्रीटमेंट है।मुंबई जैसे शहर में गले को पूरी तरीके से आराम देना संभव नहीं हो पाता है। कई बार फोन कॉल आते हैं, परिवार वालों से बातचीत होती है, जिस वजह से मेरे गले को सामान्य स्थिति में वापस आने में और भी समय लग रहा है।

दरअसल गला भी तो हमारे शरीर की एक मसल ही है। पिछले साल मैंने इतनी ऊंची-ऊंची आवाज में गाने गाए और बहुत सारे ऊंचे सुर लगाए हैं जिस वजह से मेरे गले में तकलीफ बढ़ गई है। पिछले साल मैंने बहुत सारे सूफी गाने भी गाए हैं और दरअसल होता यह था कि 8 घंटे 10 घंटे तक गाने की रिकॉर्डिंग चला करती थी, मेरे गले को प्रॉपर आराम नहीं मिलता था।

इसके अलावा नींद नहीं हो पाती थी, ठीक से खाने-पीने में परहेज भी नहीं कर पाता था।मेरा गला काफ़ी थका रहता था। कई बार देर रात तक रिकॉर्डिंग चला करती थी। जिस वजह से रात को करीब दो ढाईबजे घर पहुंचता थ। 3बजे खाना खाता और फिर सोता था। सुबह जल्दी उठना होता था। कभी फ्लाइट पकड़नी होती थी।मैंने गले को नजरअंदाज किया और अब नौबत ये आ गई है कि मैं गाना गाने में असमर्थ हूं।
इसीलिए में अब कुछ और समय तक संगीत के क्षेत्र में काम नहीं कर पाऊंगा। सिंगर्स के साथ ऐसा होता है कि जब आपके गले को प्रॉपर आराम नहीं मिल पाता है और जब आप बहुत ऊंचे- ऊंचे सुर लगाते हैं तो गले में बहुत तकलीफ बढ़ जाती है और फिर गला साथ नहीं देता। अब तो बस मेरी ईश्वर से यही कामना है कि मेरा गला जल्द से जल्द ठीक हो जाए और मैं फिर से अच्छे-अच्छे सूफी गानों को अपनी आवाज़ दूं। सभी का मनोरंजन कर पाऊं।

लॉकडाउन के दौरान तबले कीकर रहे हैं प्रैक्टिस
लॉकडाउन की स्थिति में रूप कुमार राठौड़ तबले पर अपना हाथ आजमा रहे हैं। रूप नेहमें यह भी बताया कि वह20 साल पहले तबला बजाया करते थे।उसके बाद वह गानों में इतने मशरूफ हो गए कि उन्होंने तबलेसे दूरी बना ली।अब लॉक डाउन के खाली समय में वह फिर से तबला बजाना चालू कर चुके हैं और वे नियमित रूप से इसका रियाज करते हैं।



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रूप कुमार राठौड़ फोटो गूगल साभार


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