Thursday, April 22, 2021

Earth Day: शेखर कपूर बोले- धरती हमारी 'बपौती' नहीं, दीया मिर्जा ने इंडस्‍ट्रीज पर साधा निशाना

दुनियाभर में 22 अप्रैल को मनाया जा रहा है। पर्यावरण की सुरक्षा से लेकर प्रकृति के प्रति प्रेम और इसके संरक्षण को लेकर तमाम तरह की बातें होती हैं, लेकिन सच्‍चाई यही है कि हम हमारी धरती को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। अर्थ डे के मौके पर गुरुवार को फिल्‍ममेकर शेखर कपूर (Shekhar Kapoor) ने साफ शब्‍दों में कहा है कि धरती 'हमारा ग्रह' (Planet Earth) नहीं है। यह हमारी बपौती नहीं है। हम सभी इसका हिस्‍सा हैं। जबकि दीया मिर्जा (Dia Mirza) ने इस मौके पर सरकारों की नाकामी और इंडस्‍ट्रीज को कोसा है। 'अहंकार में पृथ्‍वी को बताते हैं अपना'शेखर कपूर ने इंस्‍टाग्राम पर पोस्‍ट शेयर करते हुए लिखा है, 'जो भी मौजूद है, वह प्रकृति है। प्रकृति सभी से समान रूप से प्यार करती है। हम अहंकार में पृथ्वी को अपना 'हमारा ग्रह' कहते हैं। जबकि यह हमारा नहीं है। प्रकृति जो कुछ भी करेगी हम उससे बचे रहेंगे। पृथ्वी बच जाएगी, लेकिन शायद हम नहीं बचेंगे।' स्‍त्री-पुरुष का मेल और मंदिरों की दीवारेंअर्थ डे के मौके पर शेखर कपूर ने खुजराहो की तस्‍वीर साझा करते हुए लिखा है, 'पृथ्वी दिवस और स्त्री। एक से एक खूबसूरत मूर्तिकला। एक पर एक मंदिर... इनकी दीवारें महिलाओं की पूजा के लिए समर्पित हैं। यह हम सभी के भीतर पुरुष और महिला के बीच अंतिम दिव्‍य मिलन है। ऐसे सैकड़ों मंदिर हुआ करते थे, फिर भी जो कुछ बचे हैं वह खुद एक चमत्कार है।' 'सेक्‍स कोई टैबू नहीं'शेखर कपूर ने अपने पोस्‍ट में आगे सेक्‍स को टैबू समझे जाने पर भी निशाना साधा है। वह लिखते हैं, 'सेक्स एक टैबू (वर्जित) था, यह हमें सिखाया गया। कुछ ऐसा जिसे छिपाने की जरूरत है। फिर भी यहां सदियों पहले से कला और मूर्तिकला का चमत्कार है, जो सुंदरता और इसकी दिव्यता का जश्‍न मनाता है। हमारे भीतर स्त्रीलिंग या पुल्‍ल‍िंग होना ही एक पूर्ण मानव नहीं बनाता है। हमें अपनी सोच को बेहतर करने की जरूरत है। सोच कि हम प्रकृति के साथ एक हैं।' दीया बोलीं- सरकार को बनना होगा और जवाबदेहदूसरी ओर, पर्यावरण के मुद्दों पर हमेशा बेबाकी से राय रखने वाली दीया मिर्जा ने 'अर्थ डे' पर सरकार और देश-दुनिया के इंडस्‍ट्रीज को कोसा है। दीया कहती हैं, 'हमें पहले से कहीं अधिक प्रयास करने करने की जरूरत है। बेशक, पर्सनल बिहेवियर में बदलाव लाने से फर्क पड़ेगा, लेकिन अधिक सस्‍टेनेबल लाइफस्‍टाइल के लिए सरकारों, उद्योगों और सिविल सोसाइटीज को जवाबदेह बनाने की भी आवश्यकता है। हमें प्रकृति / वन्यजीवों की रक्षा के लिए आंदोलनों में शामिल होना चाहिए और कानूनों की मांग करनी चाहिए।' 'हम सभी को करने होंगे प्रयास'दीया ने आगे कोरोना महामारी का भी जिक्र किया। वह कहती हैं, 'मौजूदा महामारी ने यह साफ कर दिया है कि हमें अपने रहने, उत्पादन, निर्माण और उपभोग के तरीके को बदलना होगा। आज हर एक इंसान का स्वास्थ्य और हमारा सामंजस्य अधर में लटका हुआ है और यह प्रकृति की भलाई से जुड़ा है। हमें हर संभव स्तर पर पर्यावरण के प्रति जिम्‍मेदार बनना होगा।'


from Bollywood News in Hindi, बॉलीवुड न्यूज़, Hindi Movies News, हिंदी मूवीज़ समाचार, फिल्मी खबरें | Navbharat Times https://ift.tt/3eCclab
via IFTTT

No comments:

Post a Comment