बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर ने गुरुवार को मुंबई में आखिरी सांसे ली हैं। घर के लाडले सदस्य को खोकर पूरा परिवार गमगीन हो गया है। ऐसे में सभी ने ऋषि कपूर को याद करते हुए उनके लिए भावुक पोस्ट शेयर की है।
करीना कपूर ऋषि कपूर के भाई रणधीर की बेटी हैं। अपने अंकल के चले जाने पर उन्होंने उनकी एक पुरानी तस्वीर शेयर की है जिसमें ऋषि-रणधीर नजर का बचपना दिख रहा है। तस्वीर के साथ करीना ने लिखा, 'जिन्हें मैं जानती हूं बेस्ट ब्वॉयज, पापा और चिंटू अंकल'। इसके अलावा भी करीना ने 'हम तुम' फिल्म का एक सीन शेयर किया है जिसमें ऋषि सैफ के लिए मैं शायर तो नहीं गाना गा रहे हैं। इसके साथ उन्होंने कैप्शन में हार्ट इमोजी शेयर की है।
ऋषि की भतीजी करिश्मा कपूर ने भी उनके साथ वाली एक खूबसूरत तस्वीर शेयर की है। इसमें नन्हीं सी करिश्मा पिता रणधीर को पकड़ी हुई हैं वहीं दूर खड़े ऋषि उन्हें प्यार से देख रहे हैं। कैप्शन में करिश्मा लिखती हैं, 'हमेशा परिवार को देखते थे। चिंटू अंकल में आपके साथ खाने और रेस्टोरेंट्स की बात करना बहुत याद करुंगी'।
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इस दुख के मौके पर ऋषि कपूर के दामाद भारत साहनी ने भी उनके लिए एक इमोशनल पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने साथ बिताए कुछ खूबसूरत पलों की तस्वीरों के साथ लिखा, 'जो प्यार आपने मुझे दिया वो मैं कभी नहीं भूलुंगा। आपने कम समय में ही मुझे बहुत कुछ सिखाया है। आज मैं टूट चुका हूं। शब्द खो गए। लव यू एंड मिस यू। रेस्ट इन पीस पापा'।
ऋषि कपूर के निधन पर अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग पर अपनी भावनाएं जाहिर की हैं। उन्होंने भावुक होते हुए यह भी बताया कि कभी भी ऋषि को अस्पताल में मिलने नहीं गए और इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि वे संकट के उन पलों में उनके चेहरे को नहीं देख सकते थे। दोनों ने पहली बार 'कभी कभी' (1976) में और आखिरी बार '102 नॉट आउट' (2018) में साथ काम किया था।
अमिताभ ने लिखा- मैंने चिंटू के दुर्लभ पलों को देखा
बुधवार को ऋषि कपूर दुनिया को अलविदा कह गए। देर रात अमिताभ ने अपने ब्लॉग में इमोशनल होते हुए लिखा- मैंने ऊर्जावान, चुलबुला, आंखों में शरारत लिए चिंटू के दुर्लभ पलों को देखा था। जब एक शाम मुझे राजजी के घर पर आमंत्रित किया गया था। इसके बाद मैंने उन्हें अक्सर आरके स्टूडियो में देखा, जब वे फिल्म 'बॉबी' के लिए प्रशिक्षित हो रहे थे। और अभिनय की बारीकियां सीख रहे थे। वे आत्मविश्वास के साथ चलते थे जैसे उनके दादा पृथ्वीराज जी चलते थे।
हमने कई फिल्मों में साथ काम किया। जब वे अपनी लाइन बोलते थे, तो आपको उनके हर शब्द पर भरोसा होता था। उनका कोई विकल्प नहीं था। जिस दक्षता से वे गानों में लिप्सिंग करते थे, वैसा और कोई नहीं कर सकता। सेट पर उनका खिलंदड़ स्वभाव बेहद प्रभावी होता था। गंभीर दृश्यों पर भी वे हास्य ढूंढ लेते थे और सभी एकदम से हंस पड़ते थे।
न सिर्फ सेट पर... किसी औपचारिक समारोह में भी उनका व्यवहार ऐसा ही होता था। वे माहौल को हल्का-फुल्का बनाए रखते थे। अगर सेट पर वक्त मिलता था तो वो ताश निकाल लेते थे और दूसरों को खेलने के लिए बुला लेते थे। इस गेम में गंभीर स्पर्धा होती थी। यह मनोरंजन मात्र नहीं बचता था। इलाज के दौरान उन्होंने अपनी हालत पर कभी अफसोस नहीं जाहिर किया। हॉस्पिटल जाते वक्त वे हमेशा कहते रहे कि रूटीन विजिट है। जल्द फिर मिलते हैं।
जीवन में आनंद से जीने का जीन उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला था। मैं उनसे मिलने कभी अस्पताल नहीं गया क्योंकि मैं उनके हंसमुख चेहरे पर संकट नहीं देखना चाहता था। लेकिन एक बात तय है, जब वे गए तो उनके चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान थी।
बॉलिवुड के दिग्गज अभिनेता रहे अब हमारे बीच नहीं हैं। पर, वह ऐसा बहुत कुछ करके गए हैं, जिसके जरिए हमें उन पर नाज है और जिनके जरिए वह हमारे दिलों में हमेशा बने रहेंगे। फिर चाहें उनकी फिल्में हों या उन फिल्मों के गाने हों। जब भी हम इनसे रूबरू होंगे, वास्तव में हम ऋषि कपूर से रूबरू होंगे। ऋषि कपूर के लिए कभी आवाज बने भी इस ऐक्टर के जाने को याद कर बेहद भावुक हो गए। एक टीवी चैनल से बातचीत में कुमार सानू ने कहा, '1992 में 'दीवाना' फिल्म का गाना 'सोचेंगे तुम्हें प्यार...' गाना मैंने ऋषि कपूर के लिए गाया था। उनके साथ गुजारे पल मैं कैसे भूल सकता हूं। वह सिर्फ कैमरे के सामने ही नहीं बल्कि सुरों और गानों के बोल तक में शामिल रहते थे। हर जगह उनकी उपस्थिति रहती। ऐसा नहीं कि एक ऐक्टर आया, अपना काम खत्म किया और फिर चला गया। ऋषि कपूर ऐसे थे, जो सब जगह थे।' सुनाई यह कहानी कुमार कहते हैं, 'इस गाने के साथ कई खूबसूरत यादें जुड़ी हैं। मुझे याद है जब हम इस गाने के बारे में उनसे चर्चा कर रहे थे। मैंने सेट पर पाया कि ऐक्टिंग के अलावा सभी हिस्से में वह कुछ न कुछ सीखते रहने या कहीं कुछ सुझाव देने में आगे रहते थे। एंटरटेनर भी खूब थे वह। वह दूसरों को प्रेरित करने वाले इंसान थे।' वे इनके जरिए हमेशा हमारे दिलों में कुमार सानू कहते हैं, 'मुझे बिल्कुल नहीं लगता कि अब वह हमारे बीच नहीं है। वह इतना कुछ छोड़कर हारे लिए गए हैं कि वह हमेशा हमारे भीतर बने रहेंगे। हमारे दिलों में उनके लिए हमेशा विशेष जगह रहेगी।' बता दें कि कैंसर से लगातार लड़ते हुए ऋषि कपूर गुरुवार को दुनिया को अलविदा कह गए। उनके परिवार की तरफ से जारी नोट में कहा गया कि वह अंतिम सांस तक सबको एंटरटेन करते रहे।
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ऋषि कपूर चले गए और अब बस उनकी यादें रह गई हैं, जिनके साथ इस वक्त हर कोई अपनी कहानी बुन रहा है। अमिताभ बच्चन ने भी अपने ब्लॉग के जरिए ऋषि कपूर के उन किस्सों को पहली बार बुना है, जो उनके अंदर शायद बरसों से रहा होगा और आज उन्होंने अंदर सारी दबी हुई बातें कह डाली हैं। अमिताभ ने यह भी बताया है कि वह ऋषि कपूर से मिलने कभी हॉस्पिटल क्यों नहीं गए। ऋषि कपूर के जाने के बाद अमिताभ ने उनके लिए लिखा है यह ब्लॉग... मैंने उन्हें उनके घर चेंबुर स्थित देवनार कॉटेज में देखा, चिंटू बहुत ही एनर्जेटिक, चुलबुले थे और उनकी आंखों में शरारत था। उस शाम को राज कपूर जी ने मुझे अपने घर पर आमंत्रित किया था। इसके बाद उन्हें अक्सर देखता, आरके स्टूडियो में अपनी फिल्म 'बॉबी' की तैयारी करते हुए... लगातार मेहनत में जुटा एक उत्साही युवा जो उनकी राह में आनेवाली हर चीज को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहता। राज जी का विशाल और लेजेंड्री मेकअप रूम और इस कमरे के अंत में फर्स्ट फ्लोर वाला कॉरिडोर... वह बिल्कुल कॉन्फिडेंट होकर चला करते... लंबे कदम और ठीक अपने दादाजी पृथ्वीराज जी के जैसी स्टाइल... उनके इस कदम को मैंने उनकी पिछली फिल्म में नोटिस किया था...वैसे कदम मैंने किसी और में कभी नहीं देखा। हमने साथ में कई फिल्में की... जब वह अपनी लाइनें बोलते, आप यकीन नहीं करेंगे कि शब्दों को लिए कोई और विकल्प नहीं होता। उनकी यह वास्तविकता सवालों से परे थी। ...और जिस तरह वह परफेक्टली किसी गाने पर लिंप सिंक करते ऐसा कोई दूसरा न हुआ...कभी नहीं... उनका मजाकिया अंदाज सेट पर सभी लोगों तक फैल जाता...यहां तक कि सबसे गंभीर सीन में भी वह कॉमिडी वाला स्पार्क ढूंढ लेते और हस सभी हंस पड़ते थे!! सिर्फ सेट पर ही नहीं...यदि आप उनके साथ किसी भी इवेंट में होते तो माहौल को हल्का और मजेदार बनाने के लिए उन्हें कुछ न कुछ मिल ही जाता। जब शूटिंग के शॉट रेडी होने में वक्त होता तो वह खेलने के लिए कार्ड्स ले आते या फिर अपना कॉम्प्लिकेटेड Bagatelle board ले आते और दूसरों को भी खेलने के लिए बुला लेते और फिर यह केवल फ़न नहीं रह जाता था बल्कि सीरियस कॉम्पिटिशन हो जाता था। बीमारी का पता चलने से लेकर ट्रीटमेंट तक उन्होंने कभी भी अपने हालात पर अफसोस नहीं जताया। हमेशा कहते... 'जल्द ही मिलते हैं ...हॉस्पिटल में रुटीन विजिट है...जल्द ही लौटता हूं।' अमिताभ ने उनके चियरफुल अंदाज को बयां करने के लिए फ्रेंच फ्रेज़ का Joie de vivre का इस्तेमाल किया है और लिखा है, 'जिंदगी की भरपूर खुशियां...वो जीन जो उन्हें अपने पिता से मिला...लेजंड, द अल्टीमेट शोमैन, आइकॉनिक राज कपूर... मैं कभी उन्हें देखने हॉस्पिटल नहीं गया...मैं कभी उनके हंसते हुए मनमोहक चेहरे पर तकलीफ देखना नहीं चाहता था। लेकिन मुझे यकीन है कि, जब वह जा रहे होंगे तब भी उनके चेहरे पर वही सौम्य स्माइल रही होगी। बता दें कि दो साल पहले उन्हें कैंसर का पता चला था, जिसके बाद करीब एक साल तक न्यू यॉर्क में उनका इलाज चलता रहा। पिछले साल सितम्बर में वह ठीक होकर इंडिया लौटे और बीच में एक बार फिर तबीयत खराब हुई जब वे दिल्ली आए थे। बताया गया कि प्रदूषण की वजह से उन्हें संक्रमण हुआ था और अब ठीक है। पिछले हफ्ते वह फिर से बीमार पड़े और इस बार ऐसा हुआ कि वह हॉस्पिटल से घर भी नहीं लौट पाए। 30 अप्रैल 2020 को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
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ऋषि कपूर 67 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। करीब डेढ़ साल तक कैंसर से जंग लड़ने के बाद 30 अप्रैल को उन्होंने मुंबई के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पत्नी नीतू, बेटे रणबीर और बेटी रिद्धिमा के साथ-साथ 5 दशक लंबे एक्टिंग करियर की विरासत भी छोड़ गए हैं। 1973 में 'बॉबी' से बतौर एक्टर उन्होंने करियर की शुरुआत की और 2019 में उनकी आखिरी फिल्म 'द बॉडी' रिलीज हुई। ऋषि का सफर अभी थमा नहीं था। निधन से 10 दिन पहले तक वे अपने लिए नई फिल्मों के चयन पर काम कर रहे थे और उन्हें दो-तीन स्क्रिप्ट्स पसंद भी आई थीं। इस बात का खुलासा ऋषि के खास दोस्त फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर और ट्रेड एक्सपर्ट राज बंसल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में किया।
'10 दिन पहले हुई थी मेरी ऋषि से बात'
राज कहते हैं, "10 दिन पहले ही मेरी ऋषि से बात हुई थी। मैंने पूछा कि लॉकडाउन चल रहा है तो कैसे पूरे दिन टाइमपास होता है? जवाब में बोले टीवी देख लेता हूं। एकाध फिल्म देख लेता हूं। योग कर लेता हूं। शाम को वाक कर लेता हूं। फिर मुझसे पूछते हैं कि लॉकडाउन के बाद फिल्मों का क्या होगा? सिनेमा कब खुलेंगे? करीब आधे घंटे हमारी बात हुई। ये सारी चर्चाएं हुईं और उसके अगले दिन वो हॉस्पिटलाइज्ड हो गए। करीब 8-10 दिन वो हॉस्पिटल में रहे।" बंसल की मानें तो इस दौरान वे ऋषि की पत्नी नीतू के संपर्क में रहे और लगभग हर दिन उनका हालचाल लेते रहते थे।
'कुछ फिल्मों पर काम शुरू करना चाहते थे'
बंसल ने बातचीत में आगे कहा, "वे कहानियां सुन रहे थे और अगली फिल्म की प्लानिंग कर रहे थे। जिस दिन मेरी उनसे आखिरी बार बात हुई, उस दिन उन्होंने बताया था कि दो -तीन कहानियां पसंद आई हैं। ये उन्हें रोचक लगी हैं। जल्दी ही इन पर काम शुरू करेंगे।"
निधन के बाद बंद हो सकती है 'शर्माजी नमकीन'
बंसल के मुताबिक, सितंबर 2018 में जब ऋषि पहली बार ट्रीटमेंट के यूएस गए थे, उससे पहले उनकी आखिरी फिल्म 'शर्माजी नमकीन' की शूटिंग शुरू हो चुकी थी। उन्होंने और जूही चावला ने फिल्म के कुछ सीन भी शूट किए थे। लेकिन ऋषि के ट्रीटमेंट की वजह से यह शूटिंग टल गई। करीब डेढ़ साल बाद जनवरी 2020 में वे इसे कम्प्लीट करने दिल्ली गए थे। लेकिन वहां वे अचानक बीमार पड़ गए थे और फिल्म की शूटिंग एक बार फिर टल गई। रिपोर्ट्स की मानें तो ऋषि के अवसान के बाद डायरेक्टर हितेश भाटिया की इस फिल्म को या तो किसी अन्य एक्टर के साथ री-शूट किया जाएगा या फिर यह ठंडे बसते में भी जा सकती है। इसके अलावा वे दीपिका पादुकोण के साथ 'द इंटर्न' भी शुरू करने वाले थे।
30 साल पहले हुई थी बंसल की ऋषि से दोस्ती
बंसल ने बताया कि ऋषि से उनकी दोस्ती 30 साल पहले फिल्म 'चांदनी' के सेट पर हुई थी। फिल्म की शूटिंग दिल्ली में चल रही थी। बंसल के मुताबिक, फिल्म के निर्देशक यश चोपड़ा उनके पारिवारिक दोस्त थे। उन्होंने उन्हें सेट पर बुलाया और ऋषि से मुलाकात कराई। चोपड़ा ने ऋषि को बताया कि ये जयपुर से आए हैं और हमारे डिस्ट्रीब्यूटर हैं। बंसल कहते हैं, "बातचीत हुई। ऋषि फ्रेंडली नेचर के आदमी थे तो दोस्ती हो गई। जब मैं जयपुर लौटने लगा तो उन्होंने कहा कि रुको कल मैं भी चलूंगा। वहां मेरी फिल्म 'अजूबा' की शूटिंग होनी है।" बंसल के मुताबिक, अगले दिन ऋषि और वेव जयपुर पहुंचे। ऋषि ने बंसल के एक महीने के बेटे से मुलाकात की। फिर परिवार समेत उसके पहले जन्मदिन पर भी पहुंचे। 2016 में जब बंसल के उसी बेटे की शादी हुई, तब भी ऋषि और नीतू इसे अटेंड करने जयपुर पहुंचे थे।
सुरों के सरताज मन्ना डे का आज जन्मदिन है। 1 मई 1919 को कोलकाता के एक रुढ़िवादी संयुक्त बंगाली परिवार में हुआ था। मन्ना डे हिंदी सिनेमा के उस स्वर्णिम युग के प्रतीक थे जहां उन्होंने अपनी अनोखी शैली और अंदाज से 'पूछो ना कैसे मैंने', ऐ मेरी जोहराजबीं' और 'लागा चुनरी में दाग' जैसे गीत गाकर खुद को अमर कर दिया। मोहम्मद रफी, मुकेश और किशोर कुमार के साथ मन्ना डे गायकों की उस मशहूर चौकड़ी का हिस्सा रहे, जिसने 1950 से 1970 के बीच हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज किया। गायकों की इस चौकड़ी में रफी, मुकेश और किशोर की आवाज जहां उस जमाने के नायकों की आवाज से मेल खाती थी, वहीं मन्ना डे अपनी अनोखी आवाज चलते एक अलग मुकाम रखते थे। पांच दशकों में फैले अपने लंबे सुरीले करियर में डे ने हिंदी, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड और असमी में 3500 से ज्यादा गीत गाए और 90 के दशक में संगीत जगत को अलविदा कह दिया। यह अंतिम गीत 1991 में आई फिल्म 'प्रहार' में गाया गीत 'हमारी ही मुट्ठी में' उनका अंतिम गीत था...। बतौर पार्श्व गायक मन्ना डे ने अपने करियर की शुरुआत 1943 में आई फिल्म 'तमन्ना' से की थी। 24 अक्टूबर 2013 को सुरों का सरताज हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गया। पर, गानों के जरिए वह हमेशा हमारे दिलों में जिंदा हैं और रहेंगे। आइए, इस खास मौके पर हम उनके ऐसे 10 सदाबहार गानों को यहां सुनते हैं, जिसे बार-बार सुनने को दिल चाहता है। ऐ मेरी जोहराजबीं (फिल्म-वक्त)प्यार हुआ इकरार हुआ (फिल्म- श्री 420)लागा चुनरी में दाग (फिल्म- दिल ही तो है)ना तू कारवां की तलाश है ( फिल्म- बरसात की रात)झनक झनक तोरी बाजे पायजनिया (फिल्म- मेरे हुजूर)यारी है इमान मेरा (फिल्म- जंजीर)ना चाहूं सोना चांदी (फिल्म- बॉबी)ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे (फिल्म- शोले)जिंदगी कैसी है पहेली (फिल्म- आनंद)तूझे सूरज कहूं या चंदा (एक फूल दो माली)
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गुरुवार को कैंसर से जंग हार गए। इरफान खान की मौत के सदमे में डूबे लोगों को ऋषि की मौत की खबर से तगड़ा झटका लगा। सिलेब्स ने ऋषि को याद करके सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी यादें शेयर कीं। ऋषि कपूर की भतीजी ने भी अपने इंस्टाग्राम पर उनका एक वीडियो शेयर किया है। 'हम तुम' फिल्म की है क्लिप करीना कपूर ने चाचा ऋषि कपूर को याद करते हुए उनका एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में ऋषि 'मैं शायर तो नहीं गाते नजर आ रहे हैं'। इसमें करीना के पति सैफ अली खान भी हैं, यह उनकी फिल्म 'हम तुम' का वीडियो है। करीना ने यह वीडियो शेयर करते हुए रेड हार्ट बनाया है। 2 साल से कैंसर से संघर्ष कर रहे थे ऋषि ऋषि करीब 2 साल से कैंसर से संघर्ष कर रहे थे। उनका अंतिम संस्कार मुंबई के चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर किया गया। आलिया भट्ट, करीना कपूर खान, सैफ और अभिषेक बच्चन इस दौरान मौजूद थे।
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इस दुनिया में नहीं रहे। पूरा देश इस बात से सदमे में है। ऋषि कपूर के कई फैंस और उनके दोस्तों ने सोशल मीडिया पर दुख जाहिर किया है। ऋषि की याद में शाहरुख खान ने भी इमोशनल पोस्ट लिखा है। सिलेब्स हुए इमोशनल कैंसर से लगभग 2 साल संघर्ष करने के बाद ऋषि कपूर ने 30 अप्रैल को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर सुनकर पूरे देश में मातम छा गया। अमिताभ बच्चन, सलमान खान अक्षय कुमार सहित कई सिलेब्स ने सोशल मीडिया पर ऋषि को श्रद्धांजलि दी। ऐक्टर शाहरुख खान ने सोशल मीडिया पर अपना दुख जाहिर किया। ' दीवाना' के दिनों को किया याद शाहरुख ने लिखा, कपूर खानदान के लिए दिल से सांत्वना। इस दुख से निपटने की शक्ति अल्लाह आपको दे। एक युवा लड़के के तौर पर जब मैं फिल्मी दुनिया में आ रहा था तो अपने लुक को लेकर इनसिक्योर था और मुझे डर था कि मैं इतना टैलंटेड नहीं हूं। फेल होने का विचार भी मेरे लिए कुछ नहीं था क्योंकि अगर मैं असफल भी हो जाता तो मैंने महान ऐक्टर ऋषि साहिब के साथ काम कर लिया था। शूट के पहले दिन वह मेरे सीन के खत्म होने तक बैठे अपनी मशहूर चमकीली मुस्कान के साथ कहा, 'यार तुझमें एनर्जी बहुत है।' उस दिन मैं अपने मन में ऐक्टर बन गया। कुछ महीने पहले मैं उनसे मिला और उस फिल्म में मुझे स्वीकार करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्हें नहीं पता था कि उन्होंने कैसे मेरा उत्साह बढ़ा दिया था। थपकी को मिस करूंगा शाहरुख ने लिखा, मैं उन्हें मिस करूंगा और उससे भी ज्यादा सिर पर उस थपकी को मिस करूंगा जो हर बार मिलने पर वह उन्हें देते थे। मैं इसे हमेशा अपने दिल में रखूंगा, आशीर्वाद के तौर पर, जिसने मुझे वो बनाया जो आज मैं हूं। आपको याद करेंगे सर... प्यार, आभार और ढेर सारे आदर के साथ... हमेशा।
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वेटरन एक्टर ऋषि कपूर के आकस्मिक निधन से उनके दोस्त और कई फिल्मों में उनके साथ काम कर चुके एक्टर शक्ति कपूर को काफी सद्मा पहुंचा है। उनका कहना है कि हमने करीब 25 साल तक साथ फिल्में की हैं और हमारी कई सारी यादें एक साथ जुड़ी हुई हैं। उनके साथ अपने अनुभव को लेकर शक्ति कपूर ने दैनिक भास्कर से खास बातें की।
शक्ति कपूर ने बताया, 'हम 22-23 साल की उम्र से एक साथ काम करते आ रहे हैं। हमनें याराना, हनीमून, इना-मीना-डिका, सरगम, कातिलों का कातिल, विजय, बोल राधा बोल, नसीब, प्रेम रोग, अमीरी-गरीबी, घराना जैसी दर्जनों फिल्में साथ की थीं। हमनें तकरीबन 25 साल तक एक साथ काम किया है।
'चिंटू मुझे जॉगिंग के लिए उठाने आता था'
उन्होंने बताया, 'जब हम फिल्म की शूटिंग करते थे तो चिंटू मुझे उठाने आता था कि चल जॉगिंग करने चलते हैं। हम साथ में एक्सरसाइज करते थे और उसके बाद फिल्म की शूटिंग के लिए सेट पर 9 बजे पहुंच जाया करते थे। जब फिल्म की शूटिंग खत्म हो जाती थी, तो उसके बाद हम अपना मेकअप उताकर वेन में बैठकर छोटे-छोटे ड्रिंक पीते थे। साथ ही पूरे दिन जो काम किया है, उसकी चर्चा किया करते थे।'
'वो मुझसे एक दिन छोटे थे'
आगे उन्होंने कहा, 'उनके साथ मेरी कई सारी यादें जुड़ी हुई हैं, यह बहुत ही कम लोगों को पता है कि मेरा जन्मदिन 3 सितंबर और चिंटू का 4 सितंबर को आता है। वो मुझसे 1 दिन छोटे थे और हम दोनों एक साथ अपना जन्मदिन मनाते थे। वे हमेशा दो या तीन केक मंगाया करते थे। हमने कई बार अपना जन्मदिन आरके स्टूडियो में मनाया है, तो कई बार उनके चेंबूर वाले घर में मनाया है। फिलहाल मैं इस बारे में आपसे ज्यादा बात नहीं कर पाऊंगा क्योंकि इस वक्त मैं अपने आप में नहीं हूं, मुझे यह यकीन नहीं हो रहा है कि चिंटू हमें छोड़कर चला गया है। 24 घंटे में दो कलाकारों का इस तरह छोड़कर जाना बहुत ही बुरा है।'
हमारे उनके साथ पारिवारिक संबंध
आगे उन्होंने कहा, 'चिंटू का परिवार और मेरा परिवार एक-दूसरे के बेहद करीब है। जब मेरी शादी हुई थी तब ऋषि कपूर की मां ने मेरी पत्नी को कहा कि अपने पति को घर लेकर आओ, जिसके बाद मैं थोड़ा डर सा गया था। लेकिन जब हम गए तो उन्होंने मुझे शगुन दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि इस बच्ची का ध्यान रखना। इतना ही नहीं जब हमारे बच्चे छोटे हुआ करते थे तो तब चिंटू का परिवार और मेरा परिवार हम साथ में छुट्टियों के लिए बाहर जाया करते थे।
'दोनों को आखिरी विदाई नहीं दे सका'
शक्ति कपूर बोले, 'ऐसा लग रहा है जैसे कि फिल्म इंडस्ट्री को नजर सी लग गई है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री के दो बेहतरीन कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे। बुधवार को जब इरफान खान की अंतिम विदाई हुई थी उसमें भी हम नहीं जा पाए और कुछ ऐसा ही आज भी हो रहा है। चिंटू को आखिरी बार देखना चाहता था लेकिन यह नहीं हो सकता जिसका दुख हमेशा रहेगा।
'लगता है ऊपरवाला हमसे नाराज हो गया'
आगे उन्होंने कहा 'मैंने जब से जन्म लिया है तब से ऐसा दौर नहीं देखा है और यही प्रार्थना करता हूं कि आने वाली पीढ़ी भी ऐसा दौर ना देखे। ऐसा लगता है कि ऊपर वाला हमसे नाराज हो गया है। पहले आंखों से आंसू आते थे लेकिन अब तो दिल से आंसू निकल रहे हैं। जब ये खबर मिली तो मैं और मेरी बीवी फूट-फूटकर रोए कि चिंटू हमे छोड़कर चला गया। दो बेहतरीन कलाकार हमें छोड़कर चले गए। बस यही दुआ करूंगा भगवान से कि उनके परिवारों को शक्ति दे इस दुख से उबरने के लिए।
'श्रद्धा बहुत डरी हुई है'
शक्ति बताते हैं कि दो बड़े कलाकारों की आकस्मिक मौत के बाद उनकी बेटी श्रद्धा बहुत डरी हुई है। उन्होंने कहा, 'श्रद्धा इस वक्त बहुत ही डरी हुई है और उसने मुझसे पूछा कि पापा ये जो चीजें हो रही है कहीं करोना की वजह से तो नहीं हो रही हैं। तो मैंने उससे कहा है कि अभी क्यों हो रहा है इसका जवाब तो इस वक्त मेरे पास नहीं है लेकिन सब जल्द ही ठीक हो जाएगा।'
ऋषि कपूर का अब हमारे बीच नहीं रहे। 67 साल की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन में उन्होंने आखिरी सांस ली। इस बीच बॉलीवुड में ऋषि कपूर के साथ काम कर चुके दिग्गज कलाकारों ने अपनी श्रद्धांजलि शब्दों के रूप में साझा की। हर कोई उनके निधन से दुखी है।
साल 1981 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म 'नसीब', 'रणभूमि' और 'हवालात' जैसी कई फिल्मों में साथ नजर आ चुके शत्रुघन और ऋषि अच्छे दोस्त थे। दोनों फिल्मों के अलावा पर्सनल लाइफ में भी काफी करीब रहे हैं। अक्सर दोनों की मुलाकात भी होती रही है। गुरुवार सुबह दोस्त के गुजर जाने पर शत्रुघन ने उनकी खूब सराहना करते हुए शोक व्यक्त किया है।दैनिक भास्कर मेंउमेश कुमार को दिए एक इंटरव्यू में शत्रुघन ने अपनी आखिरी मुलाकात और उनके साथ किए यादगार काम पर बात की है।
इंटरव्यू के दौरान शत्रुघन ने कहा, 'संस्मरण सुनाने की स्टेज से तो अब निकल चुका हूं। संस्मरण सुनाने बैठे तो ऋषि कपूर के साथ हंसी मजाक और काम की बातें होती थी। वह बहुत ही उम्दा आदमी थे। इंडस्ट्री में अगर रोमांटिक हीरो की बात करें तो दो ही हीरो थे- राजेश खन्ना और ऋषि कपूर। इनके अलावा और कौन रहा है! ऋषि कपूर तो रोमांटिक हीरो के साथ-साथ बहुत पॉपुलर, रिलैक्स, फ्लैक्सिबल और कॉन्फिडेंट भी थे। इन्होंने दूसरे तरह के भी तमाम रोल किए। फिर तो चाहे मुल्क, हासिल आदि बेहतरीन फिल्में हों। मल्टी डॉमेस्टिक पर्सनालिटी थी। अभिनय की बात करें तो उनके सॉन्ग- डांस, अदायगी उम्दा रही। एक्टर के साथ-साथ डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी रहे। उन्होंने सबके साथ काम किया'।
मौत की खबर से हैंनिराश: 'वर्सेटाइल एक्टर थे उसमें तो दो राय नहीं है। कल इतना उम्दा कलाकार इरफान का जाना और आज हमारी आंखें खुलती है तो पता लगता है कि ऋषि कपूर की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गई है। यह क्या मतलब है। एक के बाद यह दुखद घटना सुनकर हम लोग हताश और निराश हो गए हैं। लगता है इससे ज्यादा वक्त और क्या क्रूर हो सकता है'।
हाजिर जवाबी में थे माहिर:'ऋषि कपूर तो हमारे बहुत प्यारे दोस्त रहे हैं। हमने साथ में बहुत सारे काम भी किए। काफी हंसी मजाक किए और काफी हरकतें भी की। अभी बीमारी से लड़ाई लड़कर आए थे तो हम लोग साथ में घंटों बैठे थे। तमाम बातें हुई। उन्हें देखकर ऐसा लगा कि जिंदादिली का दूसरा नाम ऋषि कपूर है। इतना सुंदर स्वभाव और उसे ज्यादा हाजिर जवाबी भी थे'।
ऐसी थी आखिरी मुलाकात:'अभी अमिताभ बच्चन की दिवाली पार्टी में मिलना हम लोग मिस कर गए थे। क्योंकि वह बहुत देर से आए थे। लेकिन उससे पहले हम लोग मैरियट होटल में मिले थे। वहां पर ताजदार अमरोही, राहुल रवैल और हम कुछ करीबी दोस्त थे। हम सब घंटों बैठे थे। वहां पर बातचीत हंसी मजाक का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि उन्हें देखकर लगता ही नहीं था कि वह अभी बीमारी से लड़कर या संघर्ष करके आए हैं। बहुत दिनों बाद अमेरिका से लौटकर आए थे तो एक डेढ़ बजे रात तक बैठे रहे। वह जितने बढ़िया कलाकार थे उससे उम्दा इंसान थे। जैसा बताया कि वह जिंदादिली और हाजिर जवाबी में आगे थे लेकिन उनको कोई लाइटली नहीं ले सकते थे। क्योंकि वह बहुत इंटेलेक्चुअल भी थे'।
हर जगह रखते थे नजर: 'सारी सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर उनकी नजर रहती थी। इसलिए बहुत ट्वीट भी करते थे। अमिताभ बच्चन जैसे एक-दो को छोड़कर बहुत कम लोग हैं, जिनकी सब चीजों पर नजर होती है। पॉलिटिक्स और समाज के बारे में अच्छे से अच्छे स्टार्स को एबीसीडी भी पता नहीं होती है'।
पढ़ने के थे शौकीन:लेकिन उनको हर चीज के बारे में खूब पता होता था कि क्या हो रहा है और हर चीज पर अच्छा खासा डिस्कशन भी करते थे। पढ़ने के बड़े शौकीन थे। नेशनल इंटरनेशनल मैगजीन अखबार को पढ़ते थे। ऋषि कपूर बहुत लकी भी थे और परिपक्व भी थे।
एक्ट्रेस पूनम ढिल्लन ऋषि कपूर के साथ 'ये वादा रहा', 'सितमगर' और 'एक चादर मैली सी' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम कर चुकी हैं। प्रोफेशनल रिलेशनशिप के अलावा भी पूनम और ऋषि अच्छे दोस्त थे। एक्टर के निधन पर भास्कर के अमित कर्ण से बातचीत के दौरान पूनम ने उनसे जुड़ी कई खास बातें शेयर की हैं।
एक आखरी गुडबाय कहने का मौका भी नहीं मिला: सुबह उठते ही जब ऋषि जी का निधन होने की खबर सुनी तो समझ ही नहीं आया क्या रियेक्ट करू और किसीसे क्या कहूं? शायद शॉक शब्द से ज्यादा महसूस कर रही थी। उनके साथ मैंने तक़रीबन 8 से 9 फिल्में की थी और ना जाने हमारी कितनी यादें हैं। वो मेरे पसंदीदा एक्टर थे, मेरे फेवरेट को-स्टार थे, मैं उनकी बहुत बड़ी फैन थी। जिन्हे मैं एक्टिंग में अपना आइकन मानती थी वो हमसे दूर चले गए, इससे बड़ी दुःख की बात क्या हो सकती हैं? मुझे एक्टिंग बिलकुल नहीं आती थी, शूटिंग के दौरान ऋषिजी मेरी मदद करते थे। मैंने उनसे एक्टिंग सीखी थी। बहुत तकलीफ हो रही हैं ये सोचकर की मैं अपने फेवरेट व्यक्ति को आखरी बार देख भी नहीं पा रही हूं। लॉकडाउन की वजह से हम उन्हें श्रद्धांजलि भी नहीं देने जा सकते हैं। एक आखरी गुडबाय कहने का मौका भी नहीं मिला, दिल बहुत भारी हैं।
उन्हें डांटने की आदत भी थी: कुछ महीने पहले मुंबई के सेंत रेगिस होटल में हम एक कॉमन फ्रेंड की पार्टी में मिले थे। हमेशा की तरह खुश मिजाज थे, वैसे भी आप उनसे जब भी मिलेंगे वे खुश मिजाज ही नजर आते हैं (मुस्कुराते हुए)। मैं उनसे जब भी मिलती हूं उनके साथ एक तस्वीर जरूर लेती और मैंने अपनी आखिरी तस्वीर उनके साथ उसी पार्टी में ली थी। मैं अक्सर अपनी ली हुई पिक्चर उन्हें भेजा भी करती थी जिसे देखकर वे भी बहुत खुश होते थे। उन्हें ज्यादा तस्वीर लेने का शौक नहीं लेकिन जब देखते हैं तो काफी खुश होते हैं। कई बार तो मज़ाक भी करते थे मुझसे की मैं उनकी कितनी फोटोज लेती हूं। उन्हें डांटने की आदत भी थी लेकिन जिस अंदाज़ से वो डांटते थे उससे किसी को तकलीफ नहीं होती थी। एक अलग ही सेंस ऑफ ह्यूमर होता था।
ऋषि जी बनावटी नहीं थे, उनके जहन में जो बात आती थी वो कह देते थे: ऋषि जी अपने दिल में कोई बात दबा के नहीं रखते थे, उनके दिल में जो रहता वो उनके ज़ुबान तक आ ही जाता था। मैंने उनके साथ बहुत काम किया हैं और मैं जानती हूं की वे दिखावा कभी नहीं करते थे। इस उम्र में भी उनका इतना सोशली एक्टिव रहना काफी अच्छा लगता था। मैं कई बार उनसे कहां करती थी की 'क्या क्या लिखते है आप अपने ट्विटर अकाउंट पर? कुछ भी लिख देते हो।' इस पर उनका बस एक ही जवाब आता 'मैं ओनेस्ट हूं और मुझे अपना ओनेस्ट ओपिनियन लोगों के सामने रखना अच्छा लगता हैं। ऋषि जी पहले से बनावटी नहीं थे, उनके जहन में जो बात आती थी वो कह देते थे। इंडस्ट्री में उनकी इस नेचर की लोग काफी सराहना करते हैं। अपने यंगर डेज से वे बेबाक रहे हैं और जैसे जैसे बूढ़े होते गए उन्हें और आजादी मिल गई। जब सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था तब उनके आस पास वाले ही उनका ओपिनियन सुन पाते थे लेकिन अब सोशल मीडिया की वजह से उनका सरकास्टिक टोन और सेंस ऑफ ह्यूमर सभी तक पहुंच जाते थे। बहुत ही शानदार और खुश मिजाज थे ऋषि जी।
ऋषि कपूर ने अपने एक्टिंग करियर के दौरान कई सारी बेहतरीन फिल्में दी हैं। एक्टिंग सिर्फ उनका काम ही नहीं बल्कि उनका जुनून था। फिल्म '102 नोट आउट' और 'ऑल इज वेल' में ऋषि का निर्देशन कर चुके डायरेक्टर उमेश शुक्लाने बताया कि आखिरी फिल्म के दौरान उन्होंने सीन को रियलइस्टिक दिखाने के लिए चप्पल पहनना तक छोड़ दी थी। इसके अलावा भास्कर के अमित कर्ण को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ऋषि के साथ काम करने के एक्सपीरिएंस को भी शेयर किया है।
मां को खोने पर भी बांधा रखा हौंसला
उनमें कमाल का धैर्य था। तभी कैंसर और ट्रीटमेंट का फेज वह निकाल सके। उनके लिए वो टाइम टफ था। वह इसलिए कि उनकी माता जी का भी देहांत उसी दौरान हुआ था, जब उनका इलाज चल रहा था। मां सबके लिए मां ही होती है। वह खोना कितना मुश्किल होता है। फिर भी उन्होंने वापसी की। दोबारा अपने कर्म के मैदान में उतरे।
ऐसी थी डायरेक्टर से ऋषि की पहली मुलाकात
वैसे हमारी पहली मुलाकात उनके घर पर हुई थी। कृष्णा राज बंगलो में मीटिंग तय हुई थी। मैंने ऑल इज वेल उनको नरेट की थी। वह बहुत स्ट्रेटफारवर्ड इंसान थे। उन्होंने पहली ही मीटिंग में स्क्रिप्ट को हां कह दिया था। फिर हम लोग शिमला गए थे। एक महीने वहां शूट किया था। हम लोगों ने काफी वक्त साथ बिताया था। एक ही होटल में थे हम लोग।
एक फिल्म फ्लॉप होने के बाद भी दिया मौका
वह फिल्म भले बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली, लेकिन इससे उन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने उस फिल्म की बदौलत मुझे नहीं आंका कि मैं अच्छा या बुरा डायरेक्टर हूं। दोबारा जब मैं 102 नॉट आउट लेकर गया तो उन्होंने बिल्कुल नए सिरे से उस स्क्रिप्ट को सुना।
हर काम की रखते थे खबर
उनको सिर्फ एक्टिंग का ही चार्म नहीं था, बल्कि और भी जो बाकी संबंधित चीजें होती थी कॉस्टयूम, लाइटिंग उन सब के बारे में भी वह बहुत गहन जानकारी रखते थे। मिसाल के तौर पर इस फिल्म में भी बुजुर्ग वाले रोल में उन्हें पिछली फिल्म का अनुभव काम आया और वह इनपुट उन्होंने हमें प्रोवाइड किया। वह पिछली फिल्म कपूर एंड संस थी।
प्रोस्थेटिक मेकअप में लगते थे चार घंटे
उसमें मेकअप में उन्हें चार-साढे चार घंटे लगते थे, मगर उसकी बेसिक जानकारी होने से हमारी फिल्म पर इतना वक्त नहीं लगता था। यहां उनका मेकअप 3 घंटे में हो जाया करता था। उन्होंने काफी बारीकी से उस चीज को समझा था और इनपुट दिए थे। यहां तक कि कॉस्टयूम में भी उन्होंने काफी सजेशन दिए थे कि वह किस तरह के शर्ट पहनेंगे। पूरी फिल्म में उन्होंने, थोड़े स्टार्च वाले शर्ट पहने।
अपने कैरेक्टर पर किया था रिसर्च
वो पहली बार गुजराती शख्स का रोल प्ले कर रहे थे। तो उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। अपने गुजराती दोस्तों और दूर के रिश्तेदारों से भी काफी पूछ कर गुजराती शख्स के लोगों के मैनरिज्म पर होमवर्क और रिसर्च किया। उस उम्र में भी उनका जुनून देखकर हम लोगों को प्रेरणा मिलती थी। वह इन सब चीजों पर तो काफी रिसर्च करते थे, लेकिन जब डायलॉग डिलीवरी और सीन शूट करने की बारी आती थी तो वहां पर वह स्पॉन्टेनियस रहते थे। नेचुरल फ्लोर दिखाने में यकीन रखते थे। मेथड में ज्यादा नहीं घुसते थे।
27 साल बाद बनी थी अमिताभ-ऋषि की जोड़ी
वह और बच्चन साहब 27 सालों के बाद दोबारा इस फिल्म पर काम कर रहे थे। लेकिन लगा ही नहीं कि इतने लंबे समय के अंतराल के बाद दोनों फिर से मिले हैं और काम कर रहे हैं। ऐसा लग रहा था जैसे दोनों कल के ही मिले हुए हैं और दोबारा से सेट पर काम कर रहे थे। इस तरह की गहरी बॉन्डिंग दोनों के बीच दिख रही थी
छोड़ दियाथाचप्पल पहनना
दोनों ही डायरेक्टर्स एक्टर हैं। हमने जब उन्हें कहा कि हम लोग घर में चप्पल नहीं पहनते तो यकीन मानिए कि उन लोगों ने चप्पल पहनना तक छोड़ दिया शूटिंग के दौरान। भले उनका क्लोज शॉट होता था, मिड शॉट होता था या लॉन्ग शॉट में जब वह आ रहे होते थे। क्लोज शॉट में जरूरत नहीं थी कि वह चप्पल ना पहनें, मगर ऋषि कपूर जी इतने बारीक ऑब्जर्वर थे कि उनका कहना था कि अगर वह बिना चप्पल के ना रहे तो उनकी वॉक में चेंज आ जाएगा, इसलिए उन्होंने पूरे अनुशासित भाव से उस चीज का पालन किया।
बॉलिवुड के सदाबहार अभिनेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी अचानक हुई मौत से पूरी फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही फैन्स के बीच भी गम का माहौल है। ऋषि कपूर पिछले 2 सालों से कैंसर से जूझ रहे थे। वब अपनी बीमारी का इलाज एक साल तक अमेरिका में भी कराने के बाद इंडिया लौट आए थे लेकिन फाइनली इससे जीत नहीं सके। ऋषि कपूर शायद यह जानते थे कि अब उनकी जिंदगी बहुत ज्यादा लंबी नहीं होने वाली है और इसलिए उन्होंने अपनी कुछ इच्छाएं भी जता दी थीं। कुछ समय पहले ऋषि कपूर ने अपने एक इंटरव्यू में यह इच्छा जताई थी कि उनकी मौत से पहले उनके बेटे शादी कर दें। उस इंटरव्यू में रणबीर और के रिश्ते के बारे में बात करते हुए ऋषि ने कहा था कि इन दोनों के रिश्ते के बारे में सभी लोग जानते हैं और इसके बारे कुछ भी कन्फर्म करने की जरूरत नहीं है। रणबीर की जल्द शादी चाहते थे ऋषि अपनी इच्छा जताते हुए उन्होंने कहा कि वह अपनी मौत से पहले अपने बेटे की शादी होते हुए देखना चाहते हैं। ऋषि ने कहा कि जब उनकी शादी हुई थी तब वह 27 साल के थे और रणबीर अब 35 साल के हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रणबीर चाहें तो अपनी पसंद से किसी से भी शादी कर सकते हैं और उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। ऋषि ने कहा कि रणबीर जब भी शादी के लिए तैयार होंगे तो उन्हें खुशी होगी क्योंकि रणबीर की खुशी में ही उनकी खुशी है। अपने पोते-पोतियों को खिलाना चाहते थे ऋषि ऋषि कपूर ने इस इंटरव्यू में यह इच्छा भी जताई थी कि वह रणबीर के बच्चों यानी अपने पोते-पोतियों को गोद में खिलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अच्छी तरह जानते हैं कि रणबीर और उनके समकालीन ऐक्टर्स केवल अपने करियर पर फोकस करते हैं इसलिए वह इंडस्ट्री की महिलाओं खासतौर पर ऐक्ट्रेसेस से ही मिल पाते हैं। जाहिर है इसके जरिए ऋषि यह बात जताना चाहते थे कि उन्हें अंदाजा है कि रणबीर ऐक्ट्रेस आलिया भट्ट से शादी कर सकते हैं। हालांकि ऋषि की यह इच्छा रणबीर कपूर पूरी नहीं कर सके और उससे पहले ही वह दुनिया छोड़कर चले गए।
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वेटरन अभिनेता ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं हैं। उनकी जिंदगी के कई ऐसे रोचक किस्से हैं, जो बॉलीवुड के गलियारों में खूब सुने जा सकते हैं। इनमें से कुछ का जिक्र उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'खुल्लम खुल्ला : ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में किया था, जो मीना अय्यर ने लिखी है। कुछ रोचक किस्सों पर डालते हैं एक नजर:-
भजनसम्राट अनूप जलोटा ऋषि कपूर के करीबी दोस्तों में से एक रहे हैं। दोनों अक्सर शाम साथ बिताया करते थे। ऋषि कपूर के निधन से अनूप काफी सदमे में हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में ऋषि कपूर की यादें शेयर की हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह आखिरी मुलाकात के समय ऋषि ने उनसे काम करने की बातें कही थी।
अपनी जिन्दगी की नई पारी अभी तो उन्होंने शुरू की थी
अनूप जलोटा ने इंटरव्यू के दौरान बताया, 'ऋषि जी हमारे भाई जैसे थे, हमारा मुंबई में काफी मिलना जुलना होता था। नीतू हमारी पत्नी मेधा की बहुत अच्छीदोस्त थी और इसी की वजह से हमारी फैमिली उनके करीब थी। शॉक इस बात का लगा की वे तो पूरी तरह से ठीक हो गए थे। अपनी जिन्दगी की नई पारी अभी तो उन्होंने शुरू की थी और यूं उनका दुनिया से चले जाना, काफी शॉकिंग हैं। अमेरिका में जब उनका इलाज चल रहा था तब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी'।
अपनी आखिरी सांस तक काम करना चाहते थे
'जिस तरह वह लोगों से बात करते या मिलते, कोई नहीं कह सकता की वह बीमार थे या उनका कैंसर जैसी बीमारी का इलाज चल रहा होगा। हमने मिलकर चाय पी और खूब बातचीत की।बातों बातों में उन्होंने कहा कि अमेरिका में उनका मन नहीं लग रहा हैं और वो अपने देश को बहुत मिस कर रहे हैं। वे चाहते थे की किसी भी तरह उनका इलाज जल्द से जल्द खत्म हो ताकि वे अपने देश लौटे। उन्होंने कहा कि वे अपनी आखिरी सांस तक काम करना चाहते हैं। वे अपनी एक्टिंग को बहुत मिस करते थे। कहते थे, 'मैं तो रोज़ शूटिंग करने वाला बंदा हूं, इस तरह बैठा नहीं जाता, मन नहीं लगता। आता हूं जल्दी इंडिया और आते ही काम शुरू कर दूंगा।" अपने काम को लेकर उन्हें इतना जुनून था की अमेरिका में बैठकर भी फिल्ममेकर्स से स्क्रिप्ट मंगाते और पढ़ते थे। यहां तक की जब वे मुझे नीचे कार तक छोड़ने आए तब भी जाते जाते उन्होंने यही कहां की जल्द से जल्द काम शुरू करना चाहता हूं'।
मैं ठीक हो गया हूं और अब मुझे कुछ नहीं होगा
'अपनी बीमारी को लेकर वो कभी निराश नहीं थे। जब भी बात होती तब यही कहते की मैं ठीक हो गया हूं। यहां तक की कैंसर को उन्होंने मुझे बहुत सरल भाषा में समझाते थे। कहते की सबके शरीर में कैंसर टिश्यूज होते हैं हालांकि बहुत पीछे होते हैं और जब वो आगे आते हैं तो हमें कष्ट देते हैं। मेरे टिश्यूज आगे आ गए लेकिन अब इलाज़ और कई तरह की थेरेपी के बाद अब वे पीछे हो गए हैं। 'मैं ठीक हो गया हूं पूरी तरह से और अब मुझे कुछ नहीं होगा। मुझसे बातचीत के दौरान ये उनके आखिरी शब्द थे जो मुझे हमेशा याद रहेंगे। जितनी मुझे जानकारी हैंउन्हें लिवर में कैंसर था'।
एक शाम बैठकर मजा करने का वादा अधूरा रह गया
'जिस दिन लॉकडाउन घोषित हुआ था उसी दिन वॉट्सऐप पर बात हुई थी की चलो मिला जाए। एक शाम बैठते हैं मजा करते हैं। मैं, प्रेमनाथजी के बेटे प्रेम किशन और ऋषि जी कई बार मिलते थे और साथ में शाम बिताते थे। लॉकडाउन की वजह से मिल नहीं पाए'।
बॉलिवुड के दिग्गज अभिनेता इस दुनिया में नहीं रहे। 67 साल की उम्र में गुरुवार सुबह मुंबई में उनका निधन हो गया। वह करीब 2 साल से कैंसर से जूझ रहे थे। ऋषि कपूर का अंतिम संस्कार लॉकडाउन के नियमों को ध्यान में रखते हुए होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक डेड बॉडी अस्पताल से सीधे श्मशान ले जाई जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जाएगा ध्यान ऋषि कपूर का गुरुवार को मुंबई के के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार मुंबई के मरीन लाइंस चंदनवाड़ी श्मशान घाट में होगा। श्मशान घाट के बाहर और भीतर पुलिस के कड़े इंतजाम हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखा जाएगा। उनकी शवयात्रा में नियम के मुताबिक 20 लोग शामिल होंगे। ऋषि कपूर के परिवार की तरफ से जारी हुए स्टेटमेंट में भी लोगों से कानून का पालन करने का आग्रह किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2 बजे के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। बता दें कि इसी श्मशान घाट में शम्मी कपूर का भी अंतिम संस्कार हुआ था। परिवार ने कहा करें कानून का पालन हमारे प्रिय ऋषि कपूर 2 साल ल्यूकेमिया से संघर्ष के बाद आज सुबह 8.45 पर हॉस्पिटल में शांति के साथ दुनिया छोड़ गए। डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने बताया कि वह आखिरी वक्त तक उनका मनोरंजन करते रहे थे। वह दो महाद्वीपों में इलाज के दौरान हमेशा खुश और जिंदगी को पूरी तरह से जीने के लिए उत्साहित रहे। परिवार, दोस्त, खाना और फिल्में ही उनका फोकस रहता और जो भी उनसे इस दौरान मिलता वो हैरान रह जाता कि कैसे उन्होंने बीमारी को उनकी जीवंतता को नहीं छीनने दिया। वह अपने फैंस के प्यार के आभारी थे जो कि पूरी दुनिया से उन्हें मिल रहा था। उनके जाने पर वे सब समझेंगे कि वह चाहते थे कि उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद किया जाए न कि आंसुओं के साथ। इस व्यक्तिगत क्षति के दौरान, हम यह भी समझते हैं कि दुनिया पर कठिन और मुसीबतभरा समय है। इकट्ठे होने और कहीं निकलने पर सख्ती है। हम उनके सभी फैंस और वेल-विशर्स और परिजनों के दोस्तों से दरख्वास्त करते हैं कि कानून का पालन करें। यूएस में चला था इलाज ऋषि कपूर को सितंबर 2018 में कैंसर डायग्नोस हुआ था। इसके बाद वह इलाज के लिए न्यू यॉर्क चले गए थे। उनके साथ उनकी पत्नी नीतू सिंह भी थीं। शुरुआत में उनके परिवार ने बीमारी छिपाने की कोशिश की थी। वहां लगभग 1 साल इलाज करवाने के बाद वह सितंबर 2019 में भारत लौटे थे। उनकी हालत में सुधार लग रहा था हालांकि बीच-बीच में उनकी तबीयत बिगड़ने की खबरें आती रही हैं।
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इरफान खान के बाद अब बॉलिवुड ऐक्टर भी दुनिया को अलविदा कह गए। हॉस्पिटल में उनके परिवार के लोग साथ दिख रहे हैं। दुख की इस घड़ी में आलिया भट्ट रणबीर परिवार के लिए ताकत बनी हुई हैं। वह परिवार के साथ ही वहां मौजूद हैं। रणबीर के साथ-साथ परिवार के लोगों को संबल दे रही हैं। बता दें कि रणबीर और आलिया की शादी होने वाली थी लेकिन लॉकडाउन के कारण यह टल गई। इससे पहले ऋषि के भाई रणधीर कपूर ने बताया था कि सांस में तकलीफ के चलते उन्हें बुधवार को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। ऋषि के निधन की खबर के बाद अमिताभ बच्चन सहित कई बॉलिवुड सिलेब्स ने ट्वीट कर दुख जताया था। हमेशा पॉजिटिव रहे ऋषि गंभीर बीमाारी का पता चलने के बाद से अपने आखिरी वक्त तक वह हमेशा पॉजिटिव रहे। उनके डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कहना है कि ऋषि ने उनको आखिरी वक्त तक एंटरटेन किया। उनकी फैमिली की तरफ से जारी नोट में लिखा है कि ऋषि आंसुओं नहीं बल्कि मुस्कुराहट के साथ याद किए जाना चाहते थे। उन्होंने बीमारी के दौरान भी जिंदगी को उत्साह के साथ जिया। डॉक्टर्स ने कही यह बात परिवार की तरफ से नोट में लिखा है, हमारे प्रिय ऋषि कपूर 2 साल ल्यूकेमिया से संघर्ष के बाद आज सुबह 8.45 पर हॉस्पिटल में शांति के साथ दुनिया छोड़ गए। डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने बताया कि वह आखिरी वक्त तक उनका मनोरंजन करते रहे थे। वह दो महाद्वीपों में इलाज के दौरान हमेशा खुश और जिंदगी को पूरी तरह से जीने के लिए उत्साहित रहे।' परिवार के नोट में यह लिखा है इसमें आगे लिखा है, 'परिवार, दोस्त, खाना और फिल्में ही उनका फोकस रहता और जो भी उनसे इस दौरान मिलता वो हैरान रह जाता कि कैसे उन्होंने बीमारी को उनकी जीवंतता को नहीं छीनने दिया। वह अपने फैंस के प्यार के आभारी थे जो कि पूरी दुनिया से उन्हें मिल रहा था। उनके जाने पर वे सब समझेंगे कि वह चाहते थे कि उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद किया जाए न कि आंसुओं के साथ।'
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ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। वे कैंसर से जूझ रहे थे। 2018 में ऋषि कपूर को कैंसर हुआ था। इलाज के लिए वो अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। लौटने के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में दोबारा एक्टिंग शुरू करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने अपनी कमबैक फिल्म शर्माजी नमकीन के कुछ सीन्स फरवरी में शूट भी किए थे। शूटिंग दिल्ली में हुई थी। इसके अलावा वह दीपिका पादुकोण के साथ हॉलीवुड फिल्म द इंटर्न के रीमेक पर भी काम शुरू करने वाले थे लेकिन ऐसा हो न सका।
द बॉडी साबित हुई अंतिम फिल्म: इमरान हाशमी और शोभिता धुलिपाला स्टारर द बॉडी ऋषि कपूर की अंतिम फिल्म साबित हुई। यह फिल्म पिछले साल दिसंबर में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में ऋषि ने एसपी जयराज रावल की भूमिका निभाई थी। इसके अलावा 2019 में उनकी एक और फिल्म झूठा कहीं का भी रिलीज हुई थी। इसमें उन्होंने कुमार पांडे नाम के शख्स की भूमिका निभाई थी।
मेरा नाम जोकर में ऋषि
121 फिल्मों में किया काम: अपने 50 साल के फिल्म करियर में ऋषि ने तकरीबन 121 फिल्मों में काम किया। उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट राज कपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर (1970) से डेब्यू किया था। फिल्म में अपने किरदार के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था। बतौर एक्टर उनकी फिल्म बॉबी(1973) थी जिसमें वह डिंपल कपाड़िया के साथ नजर आए थे। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड (1974) में मिला था। ऋषि कपूर की छवि एक रोमांटिक हीरो की थी। उन्हें दर्शकों ने रोमांटिक अंदाज में काफी पसंद भी किया। यही वजह है कि1973 से 2000 के बीच ऋषि ने 92 रोमांटिक फिल्मों में काम किया जिनमें से 36 फिल्में सुपरहिट साबित हुईं।इनमें कर्ज, दीवाना, चांदनी, सागर, अमर अकबर एंथनी, हम किसीसे कम नहीं,प्रेम रोग,हीना जैसी फिल्में शामिल हैं।
नीतू के साथ की 12 फिल्में: ऋषि कपूर की पत्नी नीतू के साथ रोमांटिक जोड़ी काफी पसंद की जाती थी। दोनों ने तकरीबन 12 फिल्मों में साथ काम किया। इनमें खेल खेल में (1975), कभी कभी(1976), अमर अकबर एंथनी (1977), दुनिया मेरी जेब में (1979) और पति पत्नी और वो(1978)(दोनों का गेस्ट अपीयरेंस) हिट साबित हुईं जबकि ज़हरीला इंसान(1974),जिंदा दिल (1975), दूसरा आदमी(1977), अनजाने में (1978), झूठा कहीं का (1979) और धन दौलत (1980), दो दूनी चार(2010), बेशरम (2013)फ्लॉप रहीं।
बॉलीवुड के वेटरन एक्टर ऋषि कपूर ने बुधवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में अंतिम सांसे ली हैं। ऋषि कपूर सिर्फ फैंस के ही नहीं अपने परिवार के भी लाडले रहे हैं। उनके दादा पृथ्वीराज कपूर से लेकर पिता राज कपूर ने इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बड़ा योगदान दिया है। आइए जानते हैं कपूर खानदान के सदस्यों के बारें में।
4 सितम्बर 1952 में ऋषि कपूर ने राज कपूर और कृष्णा राज कपूर के घर जन्म लिया था। उनके तीन बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर हैं और दो बेटियां रीमा जैन और नीतू नंदा हैं। ऋषि सभी भाई बहनों में दूसरे सबसे बड़े थे। वहीं स्वर्गीय एक्टर शम्मी कपूर और शशि कपूर ऋषि के अंकल थे। पिता, दादा और अंकल ने ऋषि कपूर के बॉलीवुड डेब्यू से पहले अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ते हुए बॉलीवुड में बड़ा मुकाम हासिल किया था। इसके बाद ऋषि ने पिता की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट एक्टिंग की दुनिया मे कदम रखा। उन्होंने 1973 में आई फिल्म 'बॉबी' से लीड रोल निभाते हुए बॉलीवुड डेब्यू किया था।
आरके स्टूडियो में हुई थी ऋषि-नीतू की ग्रेंड वेडिंग
ऋषि कपूर ने साल 1980 में एक्ट्रेस नीतू सिंह से शादी की थी। शादी से पहले दोनों 15 फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं। दोनों की ग्रेंड वेडिंग सेरेमनी चैम्बूर के बॉम्बे प्रेसिडेंसी गोल्फ क्लब में हुई और रिसेप्शन आरके स्टूडियो में। उनकी शादी में फिल्म इंडस्ट्री के लगभग सभी सितारे मौजूद थे। शादी के बाद दोनों के दो बच्चे रिद्धिमा और रणबीर कपूर हैं। जहां रणबीर कपूर आज बॉलीवुड के पॉपुलर एक्टर हैं वहीं रिद्धिमा कपूर इंडस्ट्री की बेहतरीन डिजाइनर हैं।
ऋषि कपूर पत्नी नीतू सिंह के साथ।
रिद्धिमा कपूर- ऋषि और नीतू की बड़ी बेटी रिद्धिमा का जन्म 15 सितम्बर 1980 में हुआ था। रिद्धिमा बॉलीवुड इंडस्ट्री की एक जानी मानी फैशन डिजाइनर हैं जिनकी शादी 2006 में भारत सैनी से हुई है जो एक बिजनेसमैन हैं। दोनों की एक बेटी समारा है।
बेटी रिद्धिमा, बेटे रणबीर और नातिन के साथ ऋषि-नीतू।
रणबीर कपूर - ऋषि और नीतू के नवाबजादे रणबीर आज बॉलीवुड के पसंदीदा एक्टर्स में से एक हैं। उन्होंने साल 2007 में बॉलीवुड डेब्यू किया था जिसके बाद वो 'राजनीति', 'रॉकस्टार', 'ये जवानी है दीवानी' और 'संजू' जैसी कई बेहतरीन फिल्में दे चुके हैं। फिलहाल रणबीर महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट के साथ रिलेशनशिप में हैं। खबरें थीं कि दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं।
कपूर खानदान से हैं बॉलीवुड के कई सितारे
ऋषि कपूर के भाई रणधीर कपूर ने एक्ट्रेस बबीता से शादी की थी जिनकी दोनों बेटियां करिश्मा और करीना बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेस हैं। इसके अलावा ऋषि की बहन रीमा जैन के बेटे आदर और आदर्शभी बॉलीवुड में कदम रख चुके हैं हालांकि दोनों को ज्यादा पॉपुलैरिटी नहीं मिल पाई। इनके अलावा 80 के दशक के फैमस विलेन प्रेम नाथ और प्रेम चोपड़ा भी ऋषि कपूर के मामा थे।
करिश्मा कपूर, करीना, आदर और आदर्श जैन।
अमिताभ बच्चन से है ये रिश्ता
ऋषि कपूर की बहन नीतू नंदा के बेटे निखिल नंदा एस्कॉर्ट लिमिटेड के एमडी हैं। उनकी शादी अमिताभ बच्चन की बेटी श्वेता बच्चन से हुई है। दोनों की एक बेटी नव्या नवेली नंदा और बेटा अगत्स्या हैं। अमिताभ बच्चन और ऋषि रिश्तेदार होने के साथ-साथ अच्छे दोस्त भी हैं।
वेटरन अभिनेता ऋषि कपूर नहीं रहे। गुरुवार सुबह करीब 5:20 बजे मुंबई के एचएन.रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 28 दिन से सोशल मीडिया से दूर थे। 2 अप्रैल को उन्होंने अपना आखिरी ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था, "सभी भाइयों और बहनों से अपील है कि कृपया हिंसा, पत्थर फेंकने या हत्या करने का सहारा न लें। डॉक्टर, नर्स, मेडिक्स, पुलिसकर्मी आदि आपको बचाने के लिए अपने जीवन को खतरे में डालते हैं। हमें इस कोरोनावायरस युद्ध को एक साथ जीतना होगा। प्लीज। जय हिन्द!"
गौरतलब है कि ऋषि करीब डेढ़ साल से कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी इस साल की जर्नी पर डालते हैं एक नजर:-
29 सितंबर, जब पहली बार कहा- इलाज कराने जा रहा हूं
29 सितंबर 2018 को वे इलाज के लिए न्यूयॉर्क गए थे। तब उन्होंने अपनी बीमारी का खुलासा तो नहीं किया था। लेकिन लोगों से कयास न लगाने की अपील जरूर की थी। ऋषि ने अपने ट्वीट में लिखा था, "सभी को हैलो, किसी चीज का इलाज कराने के लिए अमेरिका जा रहा हूं। मैं अपने चाहने वालों से ये गुजारिश करता हूं कि वो किसी तरह का बेमतलब कयास न लगाएं। मुझे फिल्मों में काम करते हुए 45 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। आप सभी के प्यार और दुआओं की बदौलत मैं जल्द ही लौटकर आऊंगा।'' इसके दो दिन बाद 1 अक्टूबर को उनकी मां कृष्णा राज कपूर का निधन हो गया था। लेकिन न तो ऋषि और न ही उनकी पत्नी नीतू और बेटे रणबीर कपूर उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो पाए थे।
जनवरी 2019: जब पहली बार मिले संकेत कि ऋषि को कैंसर है
अक्टूबर के पहले सप्ताह में कयास लगाए जाने लगे थे कि ऋषि को कैंसर है। लेकिन उनके भाई रणधीर ने ख़बरों का खंडन किया था और कहा कि जब तक जांच रिपोर्ट्स नहीं आ जातीं, तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता। जनवरी 2019 में जब दुनिया नए साल का जश्न मना रही थी, तब अपनी एक पोस्ट में ऋषि की पत्नी नीतू ने संकेत दिए कि वे कैंसर से जूझ रहे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा था, "हैप्पी 2019, इस साल कोई रेजोल्यूशन नहीं सिर्फ दुआएं करूंगी। दुनिया में कम से कम ट्रैफिक पॉल्यूशन हो। उम्मीद करती हूं कि भविष्य में कैंसर बीमारी नहीं, बल्कि एक राशि का नाम ही बन कर रहे।"
जनवरी 2019 : जब इलाज इलाज पर खुलकर बोले थे ऋषि
जनवरी 2019 के अंतिम सप्ताह में बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में पहली बार ऋषि कपूर अपनी बीमारी पर खुलकर बोले थे। उन्होंने कहा था, "मेरा इलाज चल रहा है। उम्मीद है मैं जल्दी ही ठीक हो जाउंगा और भगवान ने चाहा तो वापसी करूंगा। यह उपचार प्रक्रिया लम्बी और थकाऊ है। इस परिस्थिति में धैर्य की बहुत जरूरत होती है, लेकिन यह गुण मेरे पास नहीं है। अभी मेरे पास कोई फिल्म नहीं है और न ही मैं इसके बारे में सोच रहा हूं। मैं अभी खुद को खाली और फ्रेश रखना चाहता हूं। यह ब्रेक मेरे उपचार में सहायक होगा।"
अप्रैल 2019: जब दोस्त राहुल रवैल ने बताया उन्हें कैंसर मुक्त
अप्रैल 2019 में ऋषि के खास दोस्त राहुल रवैल ने इस बात की पुष्टि कर दी कि वे कैंसर के इलाज के लिए ही न्यूयॉर्क गए थे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, "ऋषि कपूर (चिंटू) को कैंसर से आजादी मिल गई।" रवैल की इस पोस्ट के बाद कई लोगों ने हैरानी जताई थी कि ऋषि इतने वक्त से इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।
10 महीने बाद ऋषि ने कहा था- कैंसर का इलाज चल रहा
अगस्त 2019 में ऋषि ने एक अखबार से बातचीत में अपने ट्रीटमेंट की जर्नी साझा की थी। उन्होंने कहा था, "मैं अपनी बीमारी को 10 महीनों को लंबी छुट्टियों की तरह देखता हूं। लेकिन मैं घर की बनीं नरम रोटियों और पॉम्फ्रेट मछली को बहुत मिस करता हूं क्योंकि मुझे इनका स्वाद यहां चखने को नहीं मिला। कैंसर और इसके इलाज ने मुझे काफी बदल दिया है। मैंने इस दौरान खुद को शांत रखना सीखा है। पहले मैं अपनी फैमिली और फैंस पर गुस्सा करता था। लेकिन अब काबू पाना मैंने सीख लिया है। मैं परिवार और फैंस का एहसानमंद हूं कि उन्होंने मुझे इतना प्यार दिया और शुभकामनाएं भेजी। मेरी पत्नी नीतू चट्टान की तरह मेरे साथ खड़ी रहीं। मेरे परिवार ने मुझे लड़ने की ताकत दी।"
सितंबर 2019: जब 11 महीने 11 दिन बाद भारत लौटे थे ऋषि
10 सितंबर 2019 को ऋषि कपूर पत्नी नीतू के साथ भारत लौट आए थे। अपनी वतन वापसी की जानकारी ऋषि ने ट्विटर पर दी थी। उन्होंने लिखा था, "घर वापसी। 11 महीने 11 दिन। सभी का शुक्रिया।" इस दौरान की उनकी कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जहां वे मुंबई एयरपोर्ट पर स्माइल के साथ फोटोग्राफर्स का अभिवादन कर रहे थे।
जनवरी 2020: दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हुए थे
जनवरी 2020 के आखिरी सप्ताह में ऋषि को नई दिल्ली के एक अस्पताल में अचानक भर्ती कराया गया था। तब भी यही खबर आई थी कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। दरअसल, वे वहां अपनी फिल्म 'शर्माजी नमकीन' की शूटिंग कर रहे थे। तबियत बिगड़ने के बाद 31 जनवरी को वे अस्पताल में भर्ती हुए।
डिस्चार्ज होकर मुंबई पझुंचने के बाद ऋषि ने अपने एक ट्वीट में लिखा था, "प्रिय परिवारजनों, दोस्तों, विरोधियों और अनुयायियों मेरे स्वास्थ्य को लेकर आपके द्वारा जताई गई चिंता से मैं अभिभूत हूं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं पिछले 18 दिनों से दिल्ली में शूटिंग कर रहा हूं और प्रदूषण और न्यूट्रोफिल्स में कमी की वजह से मुझे इंफेक्शन हो गया था। जिसकी वजह से मुझे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा। इस दौरान मुझे हल्का बुखार रहा और जांच के दौरान डॉक्टरों को एक पैच मिला, जिसकी वजह से निमोनिया हो सकता था, फिलहाल उसे ठीक किया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि लोगों ने इस बारे में बिल्कुल ही अलग समझ लिया था। मैं उन सभी कहानियों को विराम दे दिया है और मैं आगे भी आपको मनोरंजन और प्यार देने के लिए तत्पर हूं। अब मैं मुंबई में हूं।"
इसके बाद वे वायरल बुखार के चलते मुंबई के एक अस्पताल में भी भर्ती हुए थे। लेकिन जल्दी ही वहां से उन्हें छुट्टी मिल गई थी। आखिरी बार 29 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें एचएन.रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और वे वापस नहीं लौट सके।
बॉलिवुड इरफान खान के जाने के सदमे से उबर नहीं पाया था कि एक और बुरी खबर आ गई। दिग्गज अभिनेता ने कैंसर से लंबे संघर्ष के बाद गुरुवार को दुनिया से अलविदा कह दिया। गंभीर बीमाारी का पता चलने के बाद से अपने आखिरी वक्त तक वह हमेशा पॉजिटिव रहे। उनके डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कहना है कि ऋषि ने उनको आखिरी वक्त तक एंटरटेन किया। रणधीर ने दिया था हेल्थ अपडेट उनके भाई रणधीर कपूर ने बताया था कि सांस में तकलीफ के चलते उन्हें बुधवार को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। ऋषि के निधन की खबर के बाद अमिताभ बच्चन सहित कई बॉलिवुड सिलेब्स ने ट्वीट कर दुख जताया था। मुस्कुराहट के साथ याद किए जाना चाहते थे ऋषि उनकी फैमिली की तरफ से जारी नोट में लिखा है कि ऋषि आंसुओं नहीं बल्कि मुस्कुराहट के साथ याद किए जाना चाहते थे। उन्होंने बीमारी के दौरान भी जिंदगी को उत्साह के साथ जिया। फैंस के प्यार के आभारी हमारे प्रिय ऋषि कपूर 2 साल ल्यूकेमिया से संघर्ष के बाद आज सुबह 8.45 पर हॉस्पिटल में शांति के साथ दुनिया छोड़ गए। डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने बताया कि वह आखिरी वक्त तक उनका मनोरंजन करते रहे थे। वह दो महाद्वीपों में इलाज के दौरान हमेशा खुश और जिंदगी को पूरी तरह से जीने के लिए उत्साहित रहे। परिवार, दोस्त, खाना और फिल्में ही उनका फोकस रहता और जो भी उनसे इस दौरान मिलता वो हैरान रह जाता कि कैसे उन्होंने बीमारी को उनकी जीवंतता को नहीं छीनने दिया। वह अपने फैंस के प्यार के आभारी थे जो कि पूरी दुनिया से उन्हें मिल रहा था। उनके जाने पर वे सब समझेंगे कि वह चाहते थे कि उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद किया जाए न कि आंसुओं के साथ। कानून का पालन करें नोट में लिखा है कि इस व्यक्तिगत क्षति के दौरान, हम यह भी समझते हैं कि दुनिया पर कठिन और मुसीबतभरा समय है। इकट्ठे होने और कहीं निकलने पर सख्ती है। हम उनके सभी फैंस और वेल-विशर्स और परिजनों के दोस्तों से दरख्वास्त करते हैं कि कानून का पालन करें। 2018 में कैंसर हुआ था डायग्नोस ऋषि कपूर को 2018 में कैंसर का पता चला था। वह सितंबर 2018 में पत्नी नीतू सिंह के साथ न्यू यॉर्क में इलाज के लिए गए थे। वहां लगभग एक साल तक इलाज के बाद वह सितंबर 2019 में भारत लौट आए थे।
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अप्रैल महीने के आखिरी दो दिन फिल्म इंडस्ट्री के ऊपर कहर बनकर टूटे हैं। एक दिन पहले ही बेहतरीन अभिनेता इरफान खान के इंतकाल के बाद अब बॉलिवुड के एवरग्रीन ऐक्टर कहे जाने वाले का गुरुवार 30 अप्रैल 2020 को 67 साल की उम्र में निधन हो गया। ऋषि कपूर पिछले दो साल से कैंसर से जूझ रहे थे और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई थी। अमिताभ ने दी मौत की जानकारी ऋषि कपूर की मौत से पूरा बॉलिवुड सन्न है। उनकी मौत की सूचना सबसे पहले बॉलिवुड मेगास्टार ने सोशल मीडिया पर दी। बिग बी ने सुबह 9:32 मिनट पर सबसे पहले इस दुखद खबर को शेयर करते हुए कहा, 'वह चले गए...। ऋषि कपूर... गए... अभी-अभी उनका निधन हुआ। मैं टूट गया हूं।' ऋषि कपूर के जाने पर अमिताभ के इस दुख को इस तरह भी समझा जा सकता है कि दोनों का रिश्ता काफी पुराना था और दोनों ने ही साथ में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया था। यह भी पढ़ें:अमिताभ के स्टारडम के बीच बॉलिवुड में अपने पैर जमा रहे थे ऋषि यूं तो ऋषि कपूर ने अपने पिता राज कपूर की मशहूर फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में ऐक्टिंग करके 1970 में फिल्मों में डेब्यू कर लिया था। लेकिन एक हीरो के तौर पर उन्होंने 1973 की फिल्म 'बॉबी' से बॉलिवुड में डेब्यू किया था। यह फिल्म इंडस्ट्री का वो दौर था जबकि अमिताभ बच्चन अपनी एंग्री यंग मैन की छवि के साथ छाए हुए थे। 70-80 के दशक में अमिताभ की आंधी के बीच भी ऋषि कपूर ने न सिर्फ अपने पैर जमाए बल्कि बिग बी के साथ भी एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया था। यह भी पढ़ें:अमिताभ से खास था ऋषि का नाता साल 1976 में सबसे पहले ऋषि कपूर ने अमिताभ बच्चन के साथ सुपरहिट फिल्म 'कभी-कभी' में काम किया था। यश चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर का रोल काफी छोटा था लेकिन इसे काफी पसंद किया गया। इसके बाद 1977 में मनमोहन देसाई की सुपरहिट फिल्म 'अमर अकबर ऐंथनी' में ऋषि कपूर ने अमिताभ के छोटे भाई अकबर इलाहबादी का किरदार निभाया था जिसे काफी पसंद किया गया था। इसके बाद ऋषि और अमिताभ ने 1981 की फिल्म 'नसीब' और 1983 की फिल्म 'कुली' और 1991 में फिल्म 'अजूबा' में काम किया था। कई उभरते कलाकारों के बीच बनाए रखी बॉलिवुड में जगह 80 के दशक के मध्य में अमिताभ बच्चन का दौर जा रहा था। हालांकि इस वक्त में बॉलिवुड में जितेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कलाकार जमे हुए थे जबकि अनिल कपूर, संजय दत्त, सनी देओल के रूप में नए कलाकार अपनी मजूबत उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। ऐसे दौर में भी ऋषि कपूर ने बॉलिवुड में अपनी अलग जगह बनाए रखी और लगातार फिल्में करते रहे। बाद में सलमान, शाहरुख और आमिर के दौर में भी ऋषि कपूर ने कम लेकिन लगातार फिल्में कीं। इस दौर में ऋषि ने बोल राधा बोल, दीवाना, श्रीमान आशिक, दामिनी, ईना मीना डीका, याराना, प्रेम ग्रंथ जैसी फिल्मों में काम किया था जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किया था। दोबारा की पर्दे पर वापसी 90 के दशक के अंत में जब बॉलिवुड में खानों का बोलबाल था, तब ऋषि कपूर ने फिल्मों से धीरे-धीरे दूरी बना ली लेकिन 2000 के दशक में उन्होंने फिर वापसी की और चरित्र अभिनेता के तौर पर पैर जमाने शुरू कर दिए। इस दौर में उन्होंने ये है जलवा, हम तुम, फना, नमस्ते लंदन, दिल्ली-6, लव आज कल, दो दूनी चार, पटियाला हाउस, अग्निपथ, स्टूडेंट ऑफ द इयर, हाउसफुल 2, जब तक है जान, चश्मे बद्दूर, डी-डे, बेशर्म, शुद्ध देसी रोमांस, कपूर ऐंड संस, पटेल की पंजाबी शादी, मुल्क और राजमा चावल जैसी फिल्में की जिनमें भले ही ऋषि कपूर लीड रोल में नहीं थे लेकिन उनके किरदारों और सशक्त अभिनय को जबरदस्त सराहना मिली। अमिताभ के साथ फिर से की जुगलबंदी साथ में कई बड़ी और सुपरहिट फिल्में करने के बाद ऋषि कपूर और अमिताभ बच्चन लगभग 27 साल बाद एक बार फिर सिल्वर स्क्रीन पर साथ वापसी करते हैं। यह फिल्म थी '102 नॉट आउट'। फिल्म में बिग बी और ऋषि कपूर दोनों ही बूढ़े लोगों के किरदार में थे और ऋषि पहली बार अमिताभ बच्चन के बेटे की भूमिका में दिखाई दिए। मानवीय रिश्तों पर बनी इस फिल्म ने भले ही बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास जलवा नहीं दिखाया हो लेकिन फिल्म में अमिताभ और ऋषि की जुगलबंदी को काफी पसंद किया गया और क्रिटिक्स की काफी सराहना मिली। बिग बी को नहीं पता था, ऑनस्क्रीन बेटे और छोटे भाई को पहले करना होगा विदा ऋषि कपूर ने अमिताभ बच्चन के साथ बड़े पर्दे पर छोटे भाई और बेटे के किरदार निभाए थे। '102 नॉट आउट' में लंबे समय बाद दोनों ने वापसी की थी और उम्र के इस पड़ाव पर बाप-बेटे के किरदार में आना इन दोनों ही दिग्गज अभिनेताओं के लिए अलग ही अनुभव रहा होगा। जिस कलाकार के साथ पर्दे पर अमिताभ ने पिता का रोल निभाया हो ऐसे में उसके अचानक दुनिया से रुखसत होने पर झटका लगना लाजिमी है। शायद इसीलिए मेगास्टार अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं रख सके और सोशल मीडिया पर लिख गए 'मैं टूट गया हूं।'
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