Thursday, January 9, 2020

बायकॉट के नारों के बीच तेजाबी फिजाओं में एक उम्मीद जगाती है दीपिका की 'छपाक'

अमित कर्ण, बॉलीवुड डेस्क,मुंबई.तीसरी दुनिया के देशों में बंदिशों और आजादी के बीच के निरंतर संघर्ष में सबसे मुश्किल है एक औरत का बेखौफ होकर अपनी मर्जी से जीना। सामाजिक, राजनीतिक, पारिवारिक और व्यक्तिगत हर मोर्चे पर डर का साया उन पर बना ही रहता है। न जाने कब हादसे किस शक्ल में बदकिस्मती उनका जीवन से खुशियों को बेरंग कर दे।

छपाक उस मुल्क की कहानी है, जहां दुनिया में सबसे ज्यादा तेजाबी हमले होते हैं। कहानी एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल से प्रेरित है। उनके जीवट और तेजाब की बिक्री बैन करने के लेकर प्रयासों से देश वाकिफ है। हालांकि उस पर सिस्टम से सख्त कदम अब तक नहीं उठे हैं। एसिड की बिक्री नियंत्रित तो है, पर उस पर पाबंदी नहीं है। वह भी तब, जब देश उनसे होने वाले हमलों के मामलों में आज भी सबसे ऊंची पायदान पर है।



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